दिल्ली. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव की कथित ‘विध्वंसक गतिविधियों’ के खिलाफ सारे सबूत 19 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को देगा.
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव (48) को जासूसी के आरोपों में अप्रैल, 2017 में मृत्युदंड सुनाया था. भारत इस फैसले के खिलाफ उसी साल अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में चला गया था. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत की अपील पर निर्णय करने तक जाधव की सजा के तामील पर रोक लगा रखी है.
भारत और पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहले ही अपनी विस्तृत अर्जियां और जवाब लगा रखे हैं.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18-21 फरवरी, 2019 की है. भारत सारे आरोपों से इनकार करता है. उसका कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा कर लिया गया था जहां उनका नौसेना से सेवानिवृत होने के बाद कारोबारी हित हैं तथा उनका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. लिखित दलीलों में भारत ने पाकिस्तान पर जाधव को कूटनीतिक पहुंच देने से इनकार कर वियना संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
अपने जवाब में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कहा कि वियना संधि या दूतावास संबंध, 1963 केवल वैध आगंतुकों पर लागू होता है. उसके अंतर्गत जासूसी की गतिविधियां नहीं आती हैं. भारत कहता रहा है कि पाकिस्तान में सैन्य अदालत द्वारा जाधव की सुनवाई एक ढकोसला है.
कुरैशी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के पास जाधव के खिलाफ देश के अंदर विध्वंसक गतिविधियों के सारे सबूत हैं. जाधव ने ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की बात कबूल की है. पाकिस्तान की कानूनी टीम इस महीने की 19 तारीख को हेग में इस मामले में अपना पक्ष रखेगी.’’