जयपुर: राजस्थान सरकार द्वारा 9 से 11 दिसंबर तक आयोजित होने जा रहे “राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट” का उद्देश्य प्रदेश को औद्योगिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक रूप से नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस समिट को सफल बनाने के लिए 28 नवंबर से 10 दिन तक हर दिन एक नया संकल्प लिया। इन संकल्पों के माध्यम से राजस्थान को न केवल निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया जाएगा, बल्कि राज्य की कला, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री के 10 नव संकल्प

1. सौर ऊर्जा से होगा समिट का उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि समिट का उद्घाटन दिवस पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित होगा। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देकर प्रदेश को 2027 तक ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना है।” राजस्थान भारत में अक्षय ऊर्जा उत्पादन में पहले स्थान पर है और यह समिट नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा।

2. परंपरागत हस्तशिल्प को मिलेगा वैश्विक मंच

राजस्थान के पारंपरिक हस्तशिल्प राज्य की समृद्ध संस्कृति और विरासत के प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने संकल्प लिया कि समिट में इन हस्तशिल्पों को प्रदर्शित कर दुनिया को राजस्थान की गौरवशाली संस्कृति से परिचित कराया जाएगा। इससे शिल्पकारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

3. मिलेट फूड्स (मोटा अनाज) को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोटा अनाज (मिलेट) राज्य के स्वास्थ्य और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। राइजिंग राजस्थान समिट में मिलेट फूड्स को प्रमुखता दी जाएगी। यह पहल न केवल स्थानीय किसानों को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी सहायक होगी।

4. विद्यार्थियों को मिलेगा ग्लोबल एक्सपोजर

समिट के दौरान 350 छात्र स्वयंसेवकों को वैश्विक स्तर पर काम करने और सीखने का अनुभव प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम राज्य की युवा शक्ति को सशक्त बनाने और उन्हें प्रदेश के सर्वांगीण विकास में सहभागी बनाने की दिशा में उठाया गया है।

5. प्लास्टिक के न्यूनतम उपयोग पर जोर

पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने संकल्प लिया कि समिट के दौरान प्लास्टिक का उपयोग न्यूनतम रखा जाएगा। यह कदम “स्वच्छ और हरित राजस्थान” के उद्देश्य को बढ़ावा देगा।

6. दिव्यांग बच्चों की कला को सम्मान

समिट के दौरान दिव्यांग बच्चों की कला और हुनर को विशेष सम्मान दिया जाएगा। उनकी प्रदर्शनी समिट का मुख्य आकर्षण होगी। यह कदम उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने और उनके हुनर को पहचान दिलाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।

7. प्रदेश की कला और संस्कृति का प्रदर्शन

राजस्थान की अनूठी कला और संस्कृति को समिट में प्रमुखता दी जाएगी। यह पहल न केवल राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेगी, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में भी मदद करेगी।

8. जिलों के विशिष्ट उत्पादों को वैश्विक पहचान

राजस्थान के प्रत्येक जिले के विशेष उत्पाद, जिन्हें “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट” योजना के तहत प्रमोट किया जा रहा है, समिट में उपहार स्वरूप दिए जाएंगे। इससे इन उत्पादों को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी और राज्य की विविधता को बढ़ावा मिलेगा।

9. अपशिष्ट प्रबंधन और ग्रीन राजस्थान की ओर कदम

समिट के आयोजन में उत्पन्न अपशिष्टों का पृथक्करण और निपटान कर पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन विकास, स्वच्छता, और पर्यावरण संरक्षण का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

10. रोजगार के नए अवसर सृजित करना

मुख्यमंत्री ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट का उद्देश्य केवल निवेश को आकर्षित करना नहीं, बल्कि राज्य के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना भी है। इस समिट में हजारों लोग रोजगार से जुड़ेंगे, जिससे राज्य की कार्यबल को मजबूती मिलेगी।

प्रदेश को 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट के जरिए राज्य को अगले पांच वर्षों में 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। समिट में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य की अनुकूल नीतियों और औद्योगिक माहौल को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।

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