रायपुर- प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा है कि राज्य स्तर पर ऐसे अधिकारियों जिन्हें मॉस्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है. वे प्रशिक्षण प्राप्त कर जिला स्तर पर बेहतर ढंग से जिला अधिकारियों को प्रशिक्षित करें. उन्होंने कहा कि निर्वाचन संबंधी दिया गया प्रशिक्षण ग्राउण्ड लेबल तक जाना चाहिए. रेंज स्तर से जिला स्तर और जिला स्तर से मतदान केन्द्र में तैनात कर्मी तक लोकसभा निर्वाचन के अंतर्गत दिए गए प्रशिक्षण का अनुपालन दिखना चाहिए.
शनिवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय मॉस्टर ट्रेनर कार्यक्रम में सुब्रत साहू ने कहा कि विधानसभा निर्वाचन-2018 को बिना अवरोध के शांतिपूर्वक, सुगमतापूर्वक और सफलतापूर्वक ढंग से सम्पन्न कराए जाने में पुलिस विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. पुलिस के संयमित व्यवहार के चलते शिकायतों का भी तत्परता से निराकरण हुआ. उन्होंने लोकसभा निर्वाचन के दौरान भी पुलिस से इसी प्रकार के संयमित व्यवहार के साथ कर्तव्य निर्वहन की आशा जाहिर की.
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी और मतदान केन्द्रों में तैनात पुलिसकर्मी को मतदान के दौरान अपना व्यवहार संयमित रखना चाहिए. उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शी बिन्दुओं के अनुरूप निर्वाचन से जुड़े सभी कार्य सुगमतापूर्वक निष्पादित करने के निर्देश दिए. प्रशिक्षण के दौरान राज्य स्तरीय मॉस्टर ट्रेनर के रूप में नियुक्त पुलिस अधिकारियों को बताया गया कि मतदान और मतगणना केन्द्र में मोबाइल, कैलकुलेटर आदि नहीं ले जाने के आयोग के निर्देश है. इसका अनुपालन सुनिश्चित हो. उन्होंने दिव्यांग मतदाताओं को मतदान के दौरान आवश्यक मदद देने की भी बात कही.
पुलिस विभाग की ओर से राज्य स्तरीय मॉस्टर ट्रेनर विजय अग्रवाल ने लोकसभा निर्वाचन-2019 के अंतर्गत सुरक्षा बलों के डिप्लॉएमेंट की विस्तारपूर्वक जानकारी दी. उन्होंने प्रशिक्षण में पुलिस अधिकारियों को बताया कि लोकसभा निर्वाचन के दौरान केन्द्रीय और राज्य सुरक्षा बल तथा नगरसेना तैनात रहेंगे. सम्पूर्ण निर्वाचन अवधि के दौरान प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियां की जाएंगी. इसके अंतर्गत धारा 151 जिला बदर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून रासुका के तहत की जाने वाली कार्यवाहियां भी शामिल हैं. इसी प्रकार शराब के अवैध परिवहन और संग्रहण या मतदाताओं को शराब वितरण पर प्रभावी रोक लगाए जाने के संबंध में पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया गया.
राष्ट्रीय स्तर के मॉस्टर ट्रेनर पुलक भट्टाचार्य ने पुलिस अधिकारियों को आदर्श आचरण संहिता और निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी. यह बताया गया कि किसी भी निर्वाचन अपराध की स्थिति में सीधे उड़नदस्ता के प्रभारी पुलिस अधिकारी द्वारा तत्काल एफआईआर लिया जाएगा. साथ ही मतदान और मतगणना के दिन पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होनी चाहिए. इस संदर्भ में प्रशिक्षण में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई. राज्य के मॉस्टर ट्रेनर पुलिस अधिकारियों को इस प्रशिक्षण के दौरान पहली बार ईव्हीएम और व्हीव्हीपैट के संबंध में भी बुनियादी जानकारी दी गई.
मॉस्टर ट्रेनर आशीष टिकरिहा ने वुलनरेबिलिटी, मेंपिंग और संवेदनशील मतदान केन्द्रों के संबंध में पुलिस की भूमिका पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया. बताया गया कि आज के प्रशिक्षण में प्रदेश के प्रत्येक जिले से पुलिस के एक राजपत्रित अधिकारी और एक अराजपत्रित अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है. जिन्होंने आज यह प्रशिक्षण प्राप्त किया है. वे रेंज स्तर पर और जिला स्तर पर नियुक्त किए गए मॉस्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण देंगे. फिर जिला स्तर के मॉस्टर ट्रेनर सभी पुलिस कर्मियों को लोकसभा निर्वाचन की बारीकियों के बारे में जानकारी देंगे.
पुलिस अधिकारियों को दिए गए इस प्रशिक्षण के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जागेश्वर कौशल, उमेश साहू और निर्वाचन प्रशिक्षण से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे.