अनिल सक्सेना, रायसेन। मध्य प्रदेश में रायसेन जिला मुख्यालय के समीप स्थित ग्राम पंचायत पीपलखिरिया के ग्रामीण अपना बरसों पुराना रास्ता छिन जाने के भय से परेशान हैं। ये रास्ता पांच गांव को जोड़ने का काम करता है। इसके साथ ही प्राचीन मंदिर जाने के लिए भी यही रास्ता है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को आवेदन देकर हस्तक्षेप करने और बरसों पुराने रास्ते से छेड़छाड़ नहीं करने की मांग की है।

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क्या है मामला

दअरसल, सेहतगंज टोल प्लाजा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग से पीपलखिरिया का यह पुराना रास्ता अंग्रेजों के जमाने से बना है। लेकिन राजनीति के रसूखदार अपने स्वार्थ के लिए प्रशासन को डरा धमका कर इस रास्ते को ही बंद कराने का षडयंत्र कर रहे हैं। जिससे ग्राम पंचायत की पेयजल योजना की पाईप लाइन और स्थानीय प्राचीन मंदिर जाने एवं आवागमन अब बंद होने की कगार पर है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि, इस रोड से लगी पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी एवं उनके परिजनों की जमीन है। जिसमें से हाल ही में उन्होंने अपने एक गुम भाई के हिस्से की जमीन उसे मृत घोषित करा कर मप्र सरकार से जुड़े व्यक्ति के रिश्तेदार को बिक्रय कर दिया। जिसके बाद अब खरीददार ने इस जमीन के सीमांकन में पटवारी और राजस्व निरीक्षक पर दबाब डलवाकर उक्त चालू रोड को इस जमीन में होना बता दिया। रसूखदार खरीददार ने यहां जबरन फेंसिंग पोल भी खड़े कर दिए हैं। जिससे स्थानीय पांच गांव के ग्रामीणों का यह आम रास्ता बंद होने की कगार पर पहुच गया है।

अंग्रेजों ने करवाया था निर्माण

ग्रामीणो के अनुसार, आजादी से पहले इस मार्ग का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था। इसी मार्ग पर जंगल में अंग्रेजों की छावनी हुआ करती थी। जहां सैनिक गोली चलाने का अभ्यास करते है। इस स्थान पर अभी भी अंग्रेजों के बनाई पानी की टंकी, स्टापडेम और बाबडी बनी है। इसी के पास एक प्राचीन मंदिर है जहां आज भी ग्रामीण पूजापाठ करने जाते है। ग्रामीणों का डर है कि अब उनसे मंदिर और अन्य पांच गांव का रास्ता छिन जाएगा। ग्रामीणों को लंबा चक्कर लगाकर हाइवे तक जाना पड़ेगा। ग्राम पंचायत ने राजस्व विभाग के पटवारी और राजस्व निरीक्षक पर सीमांकन में हेराफेरी कर रसूखदार जमीन खरीदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।

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यह जमीन अंग्रेजों ने भोपाल के बैरागढ़ निवासी सरदार दातारसिंह को बतौर इनाम देकर उन्हें सर की उपाधि दी थी। जो पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के पिता है। जिनका स्वर्गवास हो चुका है। बाद में इस जमीन का बड़ा भाग सीलिग में चला गया। और बरसो से जमीन खाली पड़ी थी। मेनका गांधी और उनकी बहन ने हाल ही में इस जमीन में से अपने लापता भाई के हिस्से की जमीन को बेच दिया हैं। इसके बाद इस जमीन की खरीददार ने जो ग्रामीण कराया वह निजी व्यक्ति की मशीन से कराया गया। जिसमें हेराफेरी की गई हे। साथ ही ऐसे लोगों को धारा 250 के नोटिस जारी किए हैं। जो वहां भूमि स्वामी नही है। इसे लेकर रायसेन कलेक्टर को आवेदन देकर हस्तक्षेप करने और बरसों  पुराने रास्ते से छेड़छाड़ नही करने की मांग की है।

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