Lenskart Investment Details: चश्मा बनाने वाली कंपनी लेंसकार्ट दुनिया की सबसे बड़ी आईवियर बनाने वाली फैक्ट्री बनाने जा रही है. तेलंगाना में बनने वाली इस फैक्ट्री के लिए कंपनी 1 हजार 500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है. लेंसकार्ट के इस प्लांट से करीब 2100 लोगों को रोजगार मिलेगा.

लेंसकार्ट के सह-संस्थापक अमित चौधरी ने कहा कि इस फैक्ट्री में आईवियर, लेंस, सनग्लास के साथ-साथ एक्सेसरीज और अन्य उत्पाद बनाए जाएंगे. इस मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी से लेंसकार्ट दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में भी उत्पादों का निर्यात करेगी.

कंपनी ने कहा- हम तेलंगाना के विकास से प्रभावित हैं

8 दिसंबर को रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक साल पूरा होने पर कंपनी के साथ इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. कार्यक्रम में अमित चौधरी ने कहा कि कंपनी कई राज्यों में इसके लिए संभावनाएं तलाश रही थी. लेकिन वह तेलंगाना के विकास से काफी प्रभावित हुए और सरकार के साथ यह डील साइन की.

2010 में लेंसकार्ट का गठन हुआ

लेंसकार्ट के संस्थापक पीयूष बंसल ने अपने कोलकाता के मित्र अमीत चौधरी के साथ मिलकर ऐसी कंपनी बनाने की योजना बनाई, जो भारतीयों की चश्मा न पहनने की आदत को बदल सके.

लिंक्डइन पर उन्हें एक और सह-संस्थापक सुमित कपाही मिले. सुमित ने कुछ महीने पहले ही एक आईवियर कंपनी की नौकरी छोड़ी थी. तीनों ने मिलकर 2010 में वैल्यू टेक्नोलॉजी का गठन किया, जिसकी अलग-अलग ई-कॉमर्स वेबसाइट थीं.

इसकी लेंसकार्ट, ज्वेलकार्ट, बैगकार्ट और वॉचकार्ट वेबसाइट थीं. कुछ समय बाद चश्मे के बाजार में संभावनाएं देखते हुए तीनों ने सिर्फ लेंसकार्ट पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया.

ऑटोमैटिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट (Lenskart Investment Details)

कंपनी ने राजस्थान के भिवाड़ी में दुनिया की पहली ऑटोमेटिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू की. फिलहाल कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट दिल्ली, गुरुग्राम और चीन के झेंग्झौ में हैं.

कंपनी 1600 करोड़ रुपये की लागत से बेंगलुरु में नया प्लांट लगाने जा रही है. अगले 18 महीने में उत्पादन शुरू हो जाएगा.