रायपुर- पत्रकारों का काम यूं तो खबरें लिखना और दिखाना होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के पत्रकार इन दिनों खुद ही सुर्खियों में बने हुए हैं. छत्तीसगढ़ के भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों के साथ मारपीट के बाद प्रदेश की पत्रकार बिरादरी घटना के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है. कड़कड़ाती ठंड और बारिश के बाद भी पत्रकारों का हौसला बरकरार है. इस आंदोलन को जनता का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है. इतना ही नहीं, पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, झारखंड, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल के पत्रकारों ने भी आंदोलन को समर्थन दिया है.

पत्रकार के साथ मारपीट के आरोपी नेता को पार्टी से निष्काशित किए जाने की मांग को लेकर बस्तर संभाग के जिले पूरी तरह बंद भी हो चुके हैं. 1 लाख 80 हजार परिवारों वाले शिक्षाकर्मी संघ समेत 100 से अधिक सामाजिक संगठनों ने आंदोलन को समर्थन दिया है. इस बीच पत्रकार अपनी मांगों को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिख चुके हैं. साथ ही रोज नए अंदाज में भाजपा नेताओं के समक्ष विरोध दर्ज करा रहे हैं. इसके बावजूद भाजपा ने अब तक आरोपी नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. इसे लेकर अब पत्रकारों ही नहीं, अब जनसामान्य में भी गुस्सा देखा जा रहा है. रायपुर प्रेस क्लब के बैनर तले आयोजित आंदोलन के पहले दिन पत्रकार भाजपा दफ्तर के बाहर ही धरने पर बैठे थे, जहां देर रात उन पर हमले की कोशिश की गई. इसके बाद से मोतीबाग स्थित प्रेस क्लब के बाहर अनिश्चितकालीन महाधरने की शुरूआत हुई. तब से पत्रकारों के आंदोलन लगातार जारी है.

आंदोलन को व्यापक तौर पर समाज का समर्थन मिल रहा है. पत्रकारों के समर्थन में विभिन्न सामाजिक संगठन सामने आए हैं. साथ ही पत्रकारों ने भी हर दिन आक्रामक अंदाज में विरोध दर्ज कराया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान पत्रकारों ने उनसे मुलाकात का समय मांगा था, लेकिन समय नहीं दिए जाने पर पीएम मोदी के विमान की लैंडिंग के समय ही काले गुब्बारे उड़ाकर विरोध दर्ज कराया. अब पत्रकार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनके प्रवास के दौरान मिलने की तैयारी कर रहे हैं. पत्रकारों का कहना है कि अमित शाह से समय नहीं मिलने पर भी आक्रामक विरोध दर्ज कराया जाएगा, लेकिन पत्रकार मांगें पूरी नहीं होने तक किसी भी तरह आंदोलन वापस नहीं लेंगे.

आज सुंदरकांड का पाठ और सद्बुद्धि महायज्ञ

पत्रकार सुमन पांडेय से एकात्म परिसर में भाजपाइयों द्वारा की गई मारपीट के विरोध में कार्रवाई की मांग को लेकर धरनास्थल में रविवार को सुंदरकांड पाठ और सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा. सुदंरकांड का पाठ दोपहर 12 बजे से शुरू होगा. आंदोलन के आठवें दिन भी धरनास्थल पर बड़ी संख्या में पत्रकार धरने में मौजूद रहे. साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के समर्थन का सिलसिला जारी रहा. प्रेस क्लब पदाधिकारियों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी आंदोलन के आठवें दिन किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाए, जबकि आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. इसलिए नेताओं को सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ और सद्बुद्धि महायज्ञ किया जाएगा. सभी पत्रकार साथियों और आंदोलन को समर्थन देने वाले नागरिकों से रविवार दोपहर सुंदरकांड पाठ और सद्बुद्धि महायज्ञ में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की गई है.

ऐसा है घटनाक्रम

2 फरवरी को छत्तीसगढ़ के भाजपा मुख्यालय एकात्म परिसर में भाजपा की समीक्षा बैठक की कवरेज कर रहे पत्रकार सुमन पांडेय के साथ जिलाध्यक्ष राजीव अग्रवाल, विजय व्यास, उत्कर्ष द्विवेदी और दीना डोंगरे समेत अन्य कार्यकताओं द्वारा न सिर्फ दुर्व्यवहार किया गया, बल्कि समूह में घेरकर मारपीट (मॉब लिंचिंग) की गई. जिससे सुमन पांडेय को माथे में गंभीर चोटें आईं. इतना ही नहीं, उनके मोबाइल से कवरेज के दौरान लिए गए विजुअल्स को भी जबरन डिलीट कराया गया. गालीगलौज करते हुए गंभीर धमकियां दी गईं. घटना से आक्रोशित पत्रकारों ने तत्काल विरोध दर्ज कराया और आरोपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रायपुर प्रेस क्लब के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरने की शुरूआत की. पीड़ित पत्रकार की शिकायत पर आरोपी नेताओं के विरुद्ध अपराध भी दर्ज किया गया, लेकिन कमजोर धाराओं की वजह से उन्हें तत्काल रिहा कर दिया गया.

बेहद दुखद और चिंतनीय विषय तो यह है कि पत्रकार को लहूलूहान कर लोकतंत्र पर प्रहार करने वाले नेताओं के रिहा होते ही थाने में उन्हें फुल माला पहनाकर किसी नायक की तरह स्वागत किया गया और पत्रकारों को नीचा दिखाने का घृणित प्रयास किया गया. इतना ही नहीं, थाना से निकलने के कुछ ही मिनटों के भीतर आरोपी नेताओं के समर्थकों ने लोहे की राड, स्टिक, लाठी समेत अन्य हथियारों के साथ बड़ी संख्या में एकात्म पहुंचकर परिसर के बाहर धरने पर बैठे पत्रकारों के साथ मारपीट की एक बार फिर कोशिश की. पत्रकारों की सुझबूझ और पुलिस की मौजूदगी की वजह से वहां अनहोनी टल गई. इस तरह फिर से पत्रकारों को डराने और अपमानित करने का प्रयास किया गया. इसी बीच देर रात 3 बजे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक व पूर्व मंंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने एकात्म परिसर पहुंचकर पत्रकारों से चर्चा की पर अपनी अक्षमता का हवाला देते हुए आरोपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से ही इनकार कर दिया. उसके बाद से अब तक पत्रकारों के साथ बातचीत की बीजेपी नेताओं की ओर से कोई कोशिश नहीं की गई. इसीलिए लगातार आठवें दिन भी पत्रकार अनिश्चिचतकालीन धरने पर हैं.

हेलमेट सत्याग्रह ने खींचा देशभर का ध्यान

पत्रकारों ने पिछले आठ दिनों में कई नए तरीकों से विरोध दर्ज कराया है. एंबुलेंस में जाकर हेलमेट पहनकर भाजपा नेताओं के बाइट लेने के प्रदर्शन ने पूरे देश का ध्यान खींचा है. हेलमेट सत्याग्रह को राष्ट्रीय मीडिया ने भी स्थान दिया और खबरें भी प्रकाशित की. इसके बाद सेल्फी विथ सुमन अभियान के तहत सभी पत्रकारों ने माथे पर उसी स्थान में बैंडेज लगाकर पीड़ित पत्रकार सुमन पांडेय के साथ सेल्फी खिंचाई, जहां उसे मारा गया था. इसी तरह पीएम के स्वागत में काले गुब्बारे उड़ाने का प्रदर्शन भी खासा चर्चित रहा. साथ ही मशाल रैली निकाल कर पत्रकारों ने लोकतंत्र को लोकतंत्र को बचाने की अपील की. अब पत्रकारों ने भाजपा नेताओं की सद्बुद्धि के लिए रविवार को सद्बुद्धि यज्ञ करने का निर्णय लिया है. इसके बाद गंगाजल यात्रा निकाले जाने की भी तैयारी है. साथ ही प्रदेशभर के पत्रकार राजधानी में भी जुटने वाले हैं. इसके बाद क्रमिक भूख हड़ताल और अनशन की रुपरेखा भी तैयार की जा रही है.