Mokshada Ekadashi: मोक्षदा एकादशी व्रत हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है. इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा की जाती है और मोक्षदा एकादशी व्रत कथा का पाठ किया जाता है. आज एकादशी व्रत की कथा का श्रवण करें या पाठ करें.

मोक्षदा एकादशी तिथि

मार्गशीर्ष एकादशी तिथि 11 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 42 मिनट पर शुरू हो गई है. 12 दिसंबर को दोपहर 1:9 बजे समाप्त होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत 11 दिसंबर को ही मान्य है. जबकि 12 दिसंबर को सुबह 7 बजे से 9.09 बजे के बीच इन्हें पूरा किया जा सकता है.

Mokshada Ekadashi का महत्व

मोक्षदा एकादशी का अर्थ है मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी. इस एकादशी का व्रत करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. आप इस एकादशी का पुण्य अपने पितरों को अर्पित करके मोक्ष प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए मोक्षदा एकादशी का महत्व बढ़ जाता है.