सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) श्री कृष्ण मंदिर प्रशासन के पक्ष में आए हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने लिए सहमत हो गया है. मंदिर प्रशासन के अनुष्ठान बंद करने के फैसले के खिलाफ याचिका पर सवाल करते हुए कहा कि ‘जनता की असुविधा का हवाला देकर पूजा कैसे रोक दी गई. पूजा भगवान के लिए है. देवता की दिव्यता बढ़ाने के लिए इसलिए पब्लिक के लिए इसे रोका नहीं जा सकता है. इस मामले में जस्टिस जे के माहेश्वरी और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने 7 दिसंबर के आदेश के खिलाफ दायर याचिका (Petition) पर गुरुवयूर देवस्वम प्रबंधन समिति (Guruvayur Devaswom Management Committee), केरल सरकार (Kerala Government) और अन्य को नोटिस जारी किया है.
दरअसल केरल के गुरुवयूर श्री कृष्ण मंदिर मंदिर प्रशासन ने एकादशी पर की जाने वाली उदयस्थामन पूजा के प्राचीन अनुष्ठान को बंद करने का निर्णय किया था. मंदिर प्रशासन ने हाल में भीड़ प्रबंधन में कठिनाइयों और दर्शन का समय बढ़ाने की श्रद्धालुओं की इच्छा का हवाला देते हुए एकादशी पर अनुष्ठान नहीं करने का निर्णय लिया था. एकादशी के अनुष्ठानों को आदि शंकराचार्य द्वारा सुव्यवस्थित किया गया था और यह माना जाता है कि इसे बंद करना ठीक नहीं होगा. जिसे बंद न करने को लेकर याचिका लगाई गई थी. मंदिर प्रशासन से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, ‘जनता की असुविधा का हवाला देकर पूजा कैसे रोक दी गई. पूजा भगवान के लिए है. इसलिए पब्लिक के लिए इसे रोका नहीं जा सकता है.
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ये कारण कहां तक जायज है कि अनुष्ठान बंद कर दिया जाए, मैनेजमेंट को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दूसरे उपाय खोजने चाहिए. हमें इसकी जांच करनी होगी.’ कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि मंदिर की दैनिक पूजा में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि मंदिर की वेबसाइट पर पूजा का जो शेड्यूल मौजूद है, पूजा उसी तरह होनी चाहिए. शेड्यूल में कोई बदलाव न हो और न ही उससे कोई चीज हटाई जाए.
सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि, ‘हम अब हस्तक्षेप नहीं कर सकते. हम दूसरे पक्ष को नोटिस जारी करेंगे. प्रथम दृष्टया हम संतुष्ट हैं.’ उदयस्थामन पूजा का तात्पर्य सूर्योदय (उदय) से सूर्यास्त (अस्थामन) तक पूरे दिन मंदिर में की जाने वाली विभिन्न पूजा-अर्चनाओं से है. सुप्रीम कोर्ट मंदिर में पुजारी का अधिकार रखने वाले सदस्यों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसमें कहा गया है कि ‘एकादशी’ मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. याचिका में कहा गया कि स्वीकृत तथ्य यह है कि उदयस्थामन अनुष्ठान 1972 से एकादशी के दिन किया जाता रहा है, जबकि वास्तव में यह उससे भी पहले से होता आ रहा है.
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