सर्दी में खान-पान का खासा ख्याल रखना पड़ता है। ठंड की वजह से पाचन तंत्र थोड़ा धीमा हो जाता है, इसके चलते डाइजेशन प्रॉब्लम होती हैं। कई बार लाइफ स्टाइल भी डाइजेशन प्रॉब्लम की वजह बन जाती है। अब सवाल यह है कि आखिर सर्दियों में पाचन डाइजेशन प्रॉब्लम क्यों होती हैं? इसे दुरुस्त रखने के लिए कौन से फूड्स खाने चाहिए? आज के इस आर्टिकल में इसी मुद्दे पर बात करते हैं।
डाइजेशन प्रॉब्लम की 10 बड़ी वजह
खाने के बाद पेट भारी लगे। ज्यादा तनावपूर्ण महसूस हो। इतना ही नहीं सुबह फ्रेश होने (मल त्याग) के लिए शरीर को अतिरिक्त जोर लगाना हो। समझिए आप इस समस्या से ग्रसित हैं।
कोल्ड लिक्विड
कोल्ड ड्रिंक पीने से एसिड रिफ्लैक्स होता है।साथ ही पेट में दर्द और गैस की परेशानी होती है।
तनाव के कारण
तनाव के चलते पेट में एसिड बनता है। इससे पेट में दर्द, कब्ज और सीने में जलन होती है।
बड़े पोर्शन में खाना
लंच, डिनर में बड़े पोर्शन में खाना खाने की वजह से भी पाचन संबंधी समस्याएं होती है।
लैक्टोज इंटॉलरेंस
दूध न हजम होने की समस्या को लैक्टोज इंटॉलरेंस कहते हैं। इस समस्या से जूझ रहे लोगों को दूध और दूध से बने प्रोडक्ट नहीं खाने चाहिए। क्योंकि इससे पेट दर्द और पेट फूलने की समस्या होती है।
कच्ची सब्जियां और सलाद
कच्ची सब्जी और सलाद खाने से भी डाइजेशन प्रॉब्लम होती हैं। क्योंकि इन्हें पचाने के लिए शरीर को अतिरिक्त मेहनत लगती है। इससे पेट फूलने व पेट दर्द की गंभीर समस्या हो सकती है।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
आईबीएस (इरिटेबल बाउल सिंड्रोम), बड़ी आंत के सामान्य कामकाज को प्रभावित करने वाली बीमारी है। आईबीएस की समस्या में पेट दर्द,पेट में ऐंठन और गैस की आम समस्या देखी जाती है।
कैफीन
खाली पेट कैफीन यानी चाय और कॉफी का सेवन करने की वजह से डाइजेशन प्रॉब्लम देखी गई है। कैफीन की वजह से पेट में एसिड की मात्रा बढ़ा जाती है। इससे सीने में जलन व अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
फूड एलर्जी
फूड एलर्जी तब होती है, जब इम्यून सिस्टम खाद्य पदार्थ में मौजूद प्रोटीन के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रिया करता है। इसे एलर्जेन कहते हैं। इसके कारण पेट संबंधी कई प्रकार की समस्याएं होती हैं।
हाई फैट फूड
हाई फैट फूड जैसे- पिज्जा, चीज युक्त बर्गर, अंडे और चिकन खाने से गैस्ट्रिक की समस्या होती है। क्योंकि हाई फैट फूड सबसे धीमी गति से पचते हैं, जिससे पेट को खाली करने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
डाइजेशन सिस्टम को दुरुस्त बनाने वाले फूड्स
पपीता
एंजाइम, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।रोजाना 1 कटोरी पपीता खाना चाहिए।
लौकी
फाइबर से भरपूर होती है। मल त्याग को आसान बनाती है। इसे किसी भी रूप में खा सकते हैं।
वेजिटेबल खिचड़ी
हर सब्जियों से बनने वाली खिच़ड़ी में विटामिन,मिनरल्स व फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं।
घी
फैटी एसिड, इसमें ब्यूटी रेट होता है। रोजाना खाने में एक चम्मच घी मिलाने से पाचन से राहत मिलती है।
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