Zakir Hussain Died: ताजमहल चायपत्ती (Taj Mahal Tea) को ‘वाह ताज’ (Wah Taj) नाम से पहचान दिलाने वाले जाकिर हुसैन अब इस दुनिया में नहीं रहे। भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक मशहूर तबला वादक (Tabla player) जाकिर हुसैन का अमेरिका के  सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में सोमवार सुबह (भारतीय समय के अनुसार) निधन हो गया। परिवार ने सोमवार अल सुबह उनके मौत की पुष्टि की। हुसैन के परिवार के अनुसार, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से हुई जटिलताओं के कारण उनकी मौत हुई है वह 73 वर्ष के थे और पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे। बाद में उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए।

…जब हंस पड़ी डिम्पल यादवः संसद में पीएम मोदी ने कुछ ऐसा कहा कि Dimple Yadav और अख‍िलेश यादव लगे मंद-मंद मुस्काने, देखें ये खुसनुमा पल का Video

जाकिर हुसैन ने अपने तबले की थाप से उस्ताद जाकिर हुसैन ने ताजमहल चाय को ‘वाह ताज’ के नाम से मशहूर कर दिया था। उनके अनूठे स्टाइल ने मार्केटिंग कैंपेन को एक नया रंग-रूप दिया। आज भी इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि ताजमहल चाय को ‘वाह ताज’ नाम से पहचान दिलाने वाले जाकिर हुसैन अब इस दुनिया में नहीं रहे।

Tapasya: राहुल गांधी ने ‘तपस्या’ का ऐसा मतलब समझाया कि हो गई जग हंसाई, संसद में जमकर लगे ठहाके, सोशल मीडिया पर मीम्स की आ गई बाढ़, Watch Video

भारत का एक प्रीमियम चाय ब्रांड, जिसका मालिकाना हक एक ब्रिटिश कंपनी के पास है, वो देश भर में ‘वाह ताज’ के नाम भी जाना जाता है। इस अनोखे काम को हकीकत में बदलने वाला कोई और नहीं बल्कि भारत के मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन हैं। आपने ब्रुक बॉन्ड ताजमहल चाय का एड जरूर देखा होगा, जिसमें जाकिर हुसैन तबला बजाते हुए ताजमहल चाय को ‘वाह ताज’ कहकर पुकारते हैं।

बर्थडे पार्टी, शराब और गैंगरेपः Birthday Party में नाबालिग को होटल ले गए 5 दोस्त, शराब पिलाने के बाद मदहोश हो गई तो बारी-बारी से किया Gang Rape

ताजमहल चाय को ‘वाह ताज’ की पहचान दिलाने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन ही हैं। जब जाकिर हुसैन का ये एड रिलीज हुआ तब जाकर घर-घर में ताजमहल चाय को पहचान मिली। ऐसा नहीं है कि ताजमहल उस समय का बिलकुल नया टी ब्रांड था. ब्रुक बॉन्ड ताजमहल चाय की शुरुआत 1966 में कोलकाता से हुई थी। यह एक प्रीमियम टी ब्रांड है, जो हाई-क्वालिटी चाय की पत्ती के लिए जाना जाता है।

मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन, अमेरिका के अस्पताल में ली अंतिम सांस

पद्म श्री से लेकर दो पद्म विभूषण और 5 बार जीत चुके हैं ग्रैमी अवॉर्ड

जाकिर हुसैन भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित शास्त्रीय संगीतकारों में से एक थे। उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। जाकिर हुसैन तबला के दिग्गज अल्लाह राखा के बेटे थे। छह दशकों के शानदार करियर के दौरान, उन्होंने पांच ग्रैमी अवॉर्ड सहित कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान हासिल किए. पिछले साल भी उन्हें तीन अवॉर्ड मिले थे।

उमर अब्दुल्ला ने Congress से किया किनारा, बोले- हार कुबूल करे कांग्रेस, EVM पर दी ये नसीहत

12 साल की उम्र में ही दी थी पहली परफॉर्मेंस

9 मार्च 1951 को मुंबई के माहिम में जन्मे जाकिर हुसैन को छोटी सी उम्र से ही तबला बजाने का शौक था। जाकिर हुसैन ने अपने पिता से तीन साल की उम्र में ही मृदंग (एक शास्त्रीय वाद्य) बजाना सीख लिया था। 12 साल की उम्र से ही वह म्यूजिक शो में परफॉर्मेंस देने लगे थे। जाकिर हुसैन ने मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की थी, जबकि ग्रेजुएशन मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से की। उन्होंने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। जाकिर हुसैन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में पार्टिसिपेट करने के लिए व्हाइट हाउस में इन्वाइट किया था। जाकिर हुसैन ने करीब 12 फिल्मों में भी काम किया

Waqf Board: पूरे देश में 994 संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड ने कर रखा है कब्जा, मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में दी जानकारी, इस राज्य में सबसे ज्यादा हुआ अतिक्रमण

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m