प्रयागराज. AI इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash) ने पत्नी निकिता सिंघानिया (Nikita Singhania), ससुराल वालों और जज को अपनी मौत का जिम्मेदार बताकर बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद अतुल सुभाष की पत्नी निकिता, सास निशा और साला अनुराग फरार चल रहा था. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पत्नी निकिता को गुरुग्राम से और उसकी मां और भाई को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है. जिस तरीके से बैंगलुरू पुलिस ने अतुल की सास और साले को गिरफ्तार किया है, वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.

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बता दें कि अतुल सुभाष सुसाइड केस को लेकर एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है. कहानी कुछ ऐसी है कि पुलिस से बचने के लिए अतुल की सास और साला जौनपुर से भागकर प्रयागराज पहुंचे थे. जहां अतुल ने अपने दोस्त की मदद से प्रयागराज के आउटर इलाके के होटल रामेश्वरम इन में रूम बुक कराया था. जहां मां-बेटे पहली मंजिल के कमरा नंबर 111 में रुके. वहीं दोनों को खोजते हुए बैंगलुरू पुलिस मोबाइल फोन के जरिए लोकेशन को ट्रेस कर जौनपुर से प्रयागराज पहुंची. उसके बाद पुलिस भी वहां जा पहुंची.

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होटल रामेश्वरम इन में पहुंचने के बाद बैंगलुरू पुलिस के 2 ऑफिसरों ने डॉक्टर और नर्स बनकर रूम बुक कराया. डॉक्टर बने मदर शिवप्पा को कमरा 101 और नर्स बनीं विनीथा ए को रूम नंबर 108 मिला. दोनों पुलिसवालों ने इस दौरान होटल वालों को भी मामले की जानकारी नहीं दी. दोनों ने होटल वालों को बताया कि वे बनारस से आए हैं. इस दौरान पुलिस रात भर वहां रुकी और दोनों की रेकी की.

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उसके बाद पुलिस ने सुबह कमरा नंबर 111 में एंट्री की. जहां अतुल सुभाष की सास निशा सिंघानिया और साला अनुराग रुका हुआ था. पुलिस ने रूम में पहुंचकर मां-बेटे के साथ नास्ता किया. उसके बाद पुलिस ने दोनों से वहां पूछताछ की और गिरफ्तार कर अपने साथ टैक्सी में बिठाकर बनारस ले गई. जहां से फ्लाइट से दोनों को लेकर पुलिस बैंगलुरू पहुंची और दोनों को कोर्ट में पेश किया. ये गिरफ्तारी इतनी गुपचुप तरीके से की गई कि यूपी पुलिस को भनक तक नहीं लगी.