नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ कार्यक्रम में जाने की परमिशन न मिलने के बाद लखनऊ प्रशासन ने उन्हें अमौसी एयरपोर्ट पर रोक लिया. कुछ इसी तरह साल 2015 में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रोका गया था. इसी यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के उद्घाटन समारोह में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद रहे योगी को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था. लेकिन उस समय अखिलेश यादव की सरकार ने योगी आदित्यनाथ को यूनिवर्सिटी में आने से रोक दिया था. जिसके बाद वह छात्रसंघ के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे. इस तरह यह इतिहास दोहराया गया है.
अखिलेश को रोके जाने की खबर फैलते ही सूबे के सभी जनपदों में सपाइयों का उग्र प्रदर्शन शुरू हो गया है. जगह-जगह धरने पर बैठे सपा कार्यकर्ता और पार्टी के नेता जमकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें बदायूं से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव घायल हो गए हैं. उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है. सपा मुख्यालय में अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री याद रखें कि उनके साथ भी ऐसा हो सकता है. एक मुख्यमंत्री हिंसा को बढ़वा दे रहे हैं.
उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ तख्ती भी प्रेस कांफ्रेंस में लहराई और कहा कि एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से सरकार इतनी डर रही है कि मुझे लखनऊ हवाई अड्डे पर रोक दिया. सरकार की नीयत साफ नहीं थी. इसीलिए हमें वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई है, जबकि हमने अपने इस कार्यक्रम को पहले 27 दिसंबर 2018 को भेजा गया था और दो फरवरी को कार्यक्रम भेज दिया था.