बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में आज नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम जामा मस्जिद विवाद मामले पर सुनवाई होगी। अखिल भारत हिंदू महासभा के मुकेश पटेल ने जामा मस्जिद के अंदर नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया है। कोर्ट में मुस्लिम पक्ष मस्जिद इंतजामिया कमेटी 1991 एक्ट को आधार बनाकर अपना पक्ष रख सकती है।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता बोले- पूजा की अनुमति मिले
जिसको लेकर हिंदू महासभा के मुकेश पटेल ने कहा कि 1991 के एक्ट में ये प्रकरण नहीं आता है। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के दायरे में बदायूं मामला नहीं आता है। वहीं हिंदू महासभा के अधिवक्ता विवेक रेडर ने पूजा अर्चना की अनुमति देने की मांग की है। अभी तक मस्जिद इंतजामियां कमेटी की तरफ से बहस चली आ रही है।
मुस्लिम पक्ष SC के आदेश के बाद नहीं करेगा बहस
जामा मस्जिद और नीलकंठ महादेव मंदिर मामले में सुनवाई के लिए हिंदू पक्ष कोर्ट पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब बहस नहीं करेगा। मुस्लिम पक्ष केस ना चलने की कोर्ट से मांग कर रहा है। इस मामले में आज सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई होनी थी।
10 दिसंबर को होनी थी सुनवाई
इस मामले में 10 दिसंबर को सुनवाई होनी थी लेकिन जिला बार एसोसिएशन के एक वकील की मौत हो गई थी। जिसके कारण सुनवाई को स्थगित कर दिया गया और 17 दिसंबर को केस की सुनवाई के लिए तिथि नियत की गई। वहीं इस मामले को देखते हुए कोर्ट के बाहर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए है।
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बता दें कि साल 2022 में अखिल भारत हिंदू महासभा के मुकेश पटेल ने अदालत में वाद दायर करके दावा किया कि नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद का निर्माण कराया गया। इस केस में सरकारी वकील की बहस पूरी हो गई है। वहीं पुरातत्व विभाग ने भी अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
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