नई दिल्ली। यह हमीदा बानो के लिए दिल को छू लेने वाला पल था, जब वह 22 साल बाद अपने देश भारत पहुंची. उसे एक ट्रैवल एजेंट ने धोखे से पाकिस्तान भेज दिया था. उसे सोमवार को लाहौर में वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान से भारत वापस लाया गया.
यह घटना वर्ष 2002 की है, जब मुंबई की रहने वाली हमीदा बानो को दुबई में नौकरी का वादा करके एक एजेंट ने धोखा दिया था, लेकिन उसे पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद जिले में लाया गया.
पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया, “सोमवार को वह कराची से विमान से यहां पहुंची और इसके बाद वह वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत में दाखिल हुई. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने उसे विदा किया.” अपनी खुशी जाहिर करते हुए बानो ने कहा कि वह अपने घर वापस आने के लिए भाग्यशाली है, क्योंकि जब उसे पाकिस्तान ले जाया गया था, तो उसने उम्मीद खो दी थी.
बानो को धोखा देकर पाकिस्तान ले जाने की खबर ने 2022 में तब तूल पकड़ा जब स्थानीय यूट्यूबर वलीउल्लाह मारूफ ने उनकी कहानी शेयर की. उन्होंने बताया कि 2002 में बानो को दुबई में कुक की नौकरी देने का वादा किया गया था. हालांकि, उन्हें धोखा देकर पाकिस्तान ले जाया गया. मारूफ के व्लॉग ने उन्हें भारत में अपने परिवार से जुड़ने में मदद की. उनकी बेटी यास्मीन ने भी उनसे फोन पर बात की.
मारूफ से बात करते हुए ब्लॉगर हमीदा बानो ने कहा कि पाकिस्तान आने से पहले वह अपने पति की मौत के बाद भारत में अपने चार बच्चों का आर्थिक रूप से भरण-पोषण कर रही थीं. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने पहले दोहा, कतर, दुबई और सऊदी अरब में बिना किसी परेशानी के कुक के तौर पर काम किया था.
बानो ने पाकिस्तान में रहते हुए कराची के एक पाकिस्तानी व्यक्ति से शादी भी की. उनके पति की कोविड-19 से मौत हो गई जिसके बाद वह अपने सौतेले बेटे के साथ रह रही थीं.