नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने बिलासपुर कलेक्टर पी. दयानंद को दोबारा नोटिस जारी किया है. ये नोटिस अजीज जोगी जाति मामले में हाईपावर कमेटी के आदेश के बाद भी कार्रवाई न करने को लेकर जारी किया गया है. इस बात की जानकारी आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने गौरेला के कार्यक्रम में दी. इससे पहले एक नोटिस जारी कर आयोग ने कलेक्टर को दिल्ली तलब किया था. जिसमें कलेक्टर बिलासपुर की ओर से आए एडिशनल कलेक्टर बिलासपुर के डी कुंजाम को फटकार लगाई थी और जल्द एफआईआर दर्ज करके आयोग को रिपोर्ट करने को कहा था.

अनुसूचित जनजाति आयोग के नोटिस के बाद भी बिलासपुर के जिला प्रशासन के द्वारा आगे की कार्यवाही नहीं करने पर ये नोटिस जारी किया गया है. नंदकुमार साय ने कलेक्टर बिलासपुर की नीयत पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि अब जबकि ये साबित हो चुका है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं हैं. और वे आरक्षित पद का दुरूपयोग कर रहे थे तो कानून के मुताबिक कलेक्टर को  जोगी द्वारा अर्जित लाभ की वसूली और एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को दूसरी बार नोटिस जारी करने का मतलब है कि जिला प्रशासन कहीं न कहीं कोई मजबूरी में दिख रहा है और कार्यवाही नहीं कर रहा है. उन्होंने इस बात को गलत बताया कि नियमानुसार कार्रवाई के लिए तीन महीने का वक्त मुकर्रर है.  साय ने कहा कि तीन महीने की अवधि का प्रावधान दूसरी प्रक्रिया के लिये है.

बिलासपुर सांसद लखनलाल साहू ने भी साय के सुर में सुर मिलाते हुये कहा कि जोगी के मामले में प्रशासन के द्वारा ज़रूरत से ज़्यादा विलंब कर दिया गया है और इसका समाज में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है.