कुंदन कुमार/पटना: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव जेल के बंद है. ईडी ने इन लोगों के खिलाफ 20 हजार पेज का चार्ज शीट दायर की है और 100 करोड़ के क्राइम का आरोप लगाया है. साथ ही केंद्र सरकार से आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर केस चलाने को अनुमति भी मांगी है. इन दोनों के अलावा जांच एजेंसी ने ठेकेदार प्रवीण चौधरी, कोलकाता के कारोबारी पुष्प राज बजाज, दिल्ली के बिजोलिया शादाब खान पर  भी गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. 

केस चलाने की मांगी अनुमति 

दरअसल, ईडी की टीम बक्से में बंद कर चार्ज शीट दायर करने के लिए कागजात साक्ष्य इनके जब्त मोबाइल और लैपटॉप जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज के अलावा पूछताछ के दौरान अभियुक्त से जब्त दस्तावेज और गवाहों के बयान आदि को विशेष अदालत में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दायर किया है. दायर चार्जशीट में जांच एजेंसी ने करीब 100 करोड़ का प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी पीओसी करने का आरोप लगाया है, अन्य आरोपितों के खिलाफ भी ईडी पूरक चार्जशीट दायर करने की तैयारी में है. यह पांचों आरोपी फिलहाल बेउर जेल में बंद है. इसके साथ-साथ आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर केंद्र सरकार से केस चलाने की अनुमति भी मांगी है. 

केंद्र सरकार के अधिकारी हैं संजीव हंस 

संजीव हंस केंद्र सरकार के अधिकारी हैं. इन पर अभियोजन स्वीकृति यानी केस चलाने की अनुमति केंद्र सरकार ही दे सकती है. राज्य सरकार के लोक सेवा करने पर जांच एजेंसी संबंधित सरकार से केस चालान की अनुमति मांगती है. संजीव पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस ईडी ने दर्ज किया है. साथ ही बिहार सरकार की एजेंसी एसयूवी में भी केस दर्ज है, अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार कितना जल्द संजीव हंस पर केस चलाने की अनुमति देती है और ईडी पूर्व विधायक गुलाब यादव की अवैध संपत्ति को लेकर क्या कुछ एक्शन लेता है?

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