जगदलपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब आज बस्तर जिले के लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के धुरागांव पहुंचे,तो वहां पर सीएम के स्वागत के लिये लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. मुख्यमंत्री के धुरागांव पहुंचने पर आसपास के गांवों से आए पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने सीएम का आत्मीय स्वागत किया और अपनी जमीन वापस मिलने पर सीएम भूपेश के प्रति आभार प्रकट किया. ग्रामीणों से मुख्यमंत्री ने बेहद औपचारिक अंदाज में रुबरु होकर बातचीत की,जिससे स्थानीय लोग बेहद खुश नजर आये. इस इलाके के लोगों ने कहा कि उन्होंने पहली बार किसी मुख्यमंत्री को इतने करीब से देखा.
सीएंम भूपेश ने धुरागांव में 16 फरवरी को होने वाले विशाल किसान-आदिवासी सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लिया. इस दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के मुख्य आतिथ्य में किसानों को उनकी जमीन वापसी के दस्तावेज सौंपे जायेंगे. उल्लेखनीय है कि करीब एक दशक पूर्व वर्ष 2008 में लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के दस गांवों की जमीन टाटा इस्पात संयंत्र निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी, लेकिन संबंधित कंपनी द्वारा वहां उद्योग की स्थापना नहीं की गई.वर्ष 2016 में कंपनी ने तत्कालीन राज्य सरकार को पत्र लिखकर वहां उद्योग लगाने में अपनी असमर्थता जताई.
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को बताया कि राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि सभी दस गांवों के 1707 किसानों को उनकी लगभग 1784 हेक्टेयर जमीन वापस दिलाई जाएगी.सीएम ने कहा कि यह कार्य पूरे देश में पहली बार हो रहा है. मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को यह भी बताया कि भूमि के अधिग्रहण के एवज में किसानों को दी गई मुआवजा राशि भी किसानों से वापस नहीं ली जाएगी. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में संयंत्र प्रभावित किसानों को उनकी भूमि का दस्तावेज प्रदाय किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कार्यक्रम के आवश्यक तैयारियों के निर्देश दिए. कलेक्टर डॉ. अय्याज तम्बोली ने मुख्यमंत्री को किसान-आदिवासी सम्मेलन की तैयारियों के संबंध में जानकारी दी. इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, चित्रकोट विधायक दीपक बैज, कमिश्नर धनंजय देवांगन, पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा, पुलिस अधीक्षक डी श्रवण सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधियों तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.