मेरठ। नशीले पदार्थ की तस्करी के मामले में सऊदी अरब की जेद्दा सेंट्रल जेल में कैद मेरठ में मुंडाली के रछौती गांव निवासी जैद की सजा-ए-मौत टल गई है। परिवार का दावा है कि उसकी दया याचिका पर सऊदी अरब सरकार ने सजा-ए-मौत को 15 साल की कैद में तब्दील कर दिया है। सऊदी अरब सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट से परिवार को इसके बारे में अपडेट मिली है।
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जिसके बाद सऊदी अरब के वकीलों ने सजा को कोर्ट में चुनौती देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने जैद और उनके परिजनों को निर्धारित समय पर सऊदी कोर्ट में माफीनामे की अर्जी दाखिल करने या भारत सरकार की सिफारिश पर बेटे को रिहा कराने का मशविरा दिया है।
2018 में सऊदी अरब गया था जैद
बता दें कि साल 2018 में रछौती गांव निवासी जैद सऊदी अरब गया था। जहां, वो अल जफर कंपनी तनाजुल में चालक के रुप में काम करता था। जिसके लिए उसे ठीक-ठाक पैसे मिल रहे थे। ड्राइवरी करके जैद अपने घर का पालन पोषण कर रहा था। तभी उसकी गाड़ी दुर्घटना का शिकार हो गई और कंपनी के मालिक ने उसके खिलाफ केस दर्ज करा दिया।
जिसके बाद जैद ने वहां की नौकरी छोड़ दी और एक पुलिसकर्मी के यहां काम करने लगा। जहां वो दिन में घरेलू वाहन से संदिग्ध सामान छोड़ने का काम करता था। वहीं रात कूड़ें की डंपर चलाता था। एक दिन चेकिंग के दौरान पुलिस ने जैद की गाड़ी पकड़ ली और उसमें से भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किया। जिसके बाद पुलिस ने जैद और उसके साथियों को गिरफ्तार किया। इसी मामले में मक्का क्रिमिनल कोर्ट ने जैद को सजा-ए-मौत की सुनाई।
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