धर्मेंद्र ओझा, भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के गोरमी क्षेत्र में एक नेत्र शिविर के दौरान हुए गलत ऑपरेशन के कारण छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। पीड़ितों ने इस मामले को लेकर प्रशासन से शिकायत की है। तहसीलदार मनीष दुबे ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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क्या है मामला


जानकारी के अनुसार, ग्वालियर के थाटीपुर स्थित कालरा अस्पताल ने समाजसेवी संस्था के माध्यम से 9 दिसंबर को गोरमी में एक नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बिना आयोजित किया गया था। शिविर में चपरा गांव के छह लोग चिरंजी लाल सखवार, भागीरथ सखवार, चुन्नी बाई, राजवीर, चमेली बाई और भूरी बाई को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए चिन्हित कर ग्वालियर ले जाया गया।

आश्वासन देकर गांव छोड़ा

ग्वालियर में कालरा अस्पताल में डॉक्टर रोहित कालरा ने ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद जब मरीजों ने आंखें खोलीं तो उन्हें कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा था। जब उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से इसकी शिकायत की, तो उन्हें आश्वासन दिया गया कि कुछ समय में उन्हें दिखने लगेगा। इसके बाद सभी मरीजों को उनके गांव भेज दिया गया। इसी बीच चिरंजी लाल ने आरोप लगाया कि उनकी दाईं आंख का ऑपरेशन होना था, लेकिन अस्पताल ने बाईं आंख का ऑपरेशन कर दिया, जिससे अब वे पूरी तरह अंधे हो चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन से पहले उनका आयुष्मान कार्ड लिया गया और उनसे कोरे कागज पर अंगूठा लगवाया गया।

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कई दिनों बाद भी रोशनी वापस न लौटने पर सभी पीड़ित एकत्रित होकर गोरमी थाने पहुंचे। पुलिस ने इसे स्वास्थ्य विभाग का मामला बताकर वापस भेज दिया। इसके बाद पीड़ितों ने तहसीलदार मनीष दुबे को शिकायती आवेदन दिया। तहसीलदार ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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