Jaipur Fire: जयपुर भांकरोटा में हुए दर्दनाक हादसे ने न केवल शहर को दहला दिया, बल्कि यह उस घातक घटना की याद भी दिला दी, जो 15 साल पहले इंडियन ऑयल डिपो में हुई थी। आज से ठीक 15 साल पहले, 29 अक्टूबर 2009 को जयपुर के सांगानेर में स्थित इंडियन ऑयल डिपो में भीषण आग लगी थी, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। यह आग 10 दिनों तक जलती रही थी।

कैसे हुआ था इंडियन ऑयल डिपो में हादसा?
29 अक्टूबर 2009 को शाम 6 बजे इंडियन ऑयल डिपो में दो तेल टैंकों के बीच पाइपलाइन के वाल्व खोलने के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ। गलती से एक टैंक में अत्यधिक दबाव आ गया और जब वाल्व खोले गए, तो पेट्रोल का रिसाव शुरू हो गया। इसके बाद, जैसे ही बिजली चालू की गई, चिंगारी से फैलते पेट्रोल ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते आग 12 टैंकों तक फैल गई। आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि चारों ओर तबाही का मंजर था।
आग बुझाने में सेना की मदद यह अग्निकांड इतना भीषण था कि आग बुझाने के लिए केवल दमकल विभाग की मदद से काम नहीं चला, बल्कि सेना को भी बुलाया गया। आग के कारण 5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। धमाकों से आसपास की इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ। तेल टैंक में विस्फोट होने से आग और भी विकराल हो गई।
1,000 करोड़ का नुकसान
इस अग्निकांड में इंडियन ऑयल को लगभग 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। करीब 10 करोड़ लीटर तेल जलकर राख हो गया और 140 लोग घायल हो गए। हादसे में इंडियन ऑयल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा, आसपास स्थित 500-700 इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ, जिसमें हर इमारत को लगभग 10 लाख रुपये का नुकसान हुआ। आग के धुएं ने पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया था, जिससे प्रदूषण और पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ा।
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