रायपुर. विधानसभा में शुक्रवार को डीकेएस अस्पताल का मामला गूंजा. ध्यानाकर्षण के जरिये डॉ. विनय जायसवाल ने मामला उठाते हुए कहा कि बड़ी राशि खर्च कर अस्पताल बनाया गया, लेकिन मरीजों को इसकी वास्तविक सुविधा नहीं मिल रही है.
दरअसल, भगवती नाम की महिला की रेल दुर्घटना के बाद अम्बेडकर अस्पताल लाया गया, जहां से उसे दोबारा एम्बुलेंस से डीकेएस अस्पताल भेजा गया. प्रारम्भिक जांच के बाद उसे दोबारा अम्बेडकर अस्पताल भेजा गया था.
मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि बड़ी राशि खर्च कर अस्पताल को शुरू किया गया है. इस सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल में कई गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा रहा है. अम्बेडकर अस्पताल में 700 बेड सेंक्शन है, लेकिन 1300 से ज्यादा मरीज हैं. ट्रेन की चपेट में आकर भगवती नाम की महिला को अम्बेडकर अस्पताल लाया गया था. जांच के बाद पता चला कि उसके दोनों पैर सर्जरी योग्य नहीं है. उसकी जान बचाने के लिए दोबारा उसे अम्बेडकर अस्पताल के ट्रामा यूनिट में भर्ती कराया गया.
डॉ. विनय जायसवाल ने कहा कि डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में अनोखा अनुबंध हुआ. शर्त ये रखा गया कि प्रदेश के बाहर भी रेडियोलोजी यूनिट होनी चाहिए. ये शर्त इसलिए रखी गई क्योंकि छत्तीसगढ़ का कोई भी इसमें अनुबंधित न हो सके. कंपनी को बेजा लाभ पहुँचाया गया. सिक्योरिटी के लिए ही एक करोड़ रुपए महीने का खर्च किया जा रहा है. कई अनियमितता हुई हैं.
जवाब में सिंहदेव ने कहा कि जिस प्रक्रिया में हम है, उससे यह मसला भिन्न है. हमारी मंशा यही है कि राज्य के नागरिकों के पैसे से जो सुविधा हासिल की गई है, वह बेहतर हो. कमियां जल्द से जल्द दूर की जा सके यह हमारा प्रयास होगा.