कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के सीधी के शासकीय कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी को आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) जॉइन न करने पर बाथरूम में बंद करने और मारपीट के मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट करते हुए लिखा कि आरएसएस में शामिल न होने पर प्रोफेसर को धमकाने और नौकरी से निकलने का मामला अत्यंत गंभीर है। क्या अब आरएसएस में शामिल होने के लिए इस तरह उत्पीड़न किया जाएगा, यह सत्ता के अहंकार की पराकाष्ठा है। माननीय उच्च न्यायालय के इस कदम के बाद सत्ताधारी पार्टी को शर्म आनी चाहिए और भयादोहन की राजनीति बंद करनी चाहिए।
बता दें कि इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि आरोपियों के साथ ही एसपी और टीआई पर भी मुकदमा दर्ज कराया जाए। घटना सीधी के ऑर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज 12 सितंबर की हैं। सतना के डॉ. रामजस चौधरी ने 9 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सीधी एसपी को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही पुलिस द्वारा सुनवाई न करने पर पीड़ित को निर्देश दिए हैं कि वो सीधी एसपी रविंद्र वर्मा और मझगवां टीआई दीपक सिंह के खिलाफ सक्षम न्यायालय में एट्रोसिटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कराए।
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याचिकाकर्ता डॉक्टर रामजस चौधरी ने आरोप लगाया है कि उन्हें जय श्री राम के नारे लगाने के लिए मजबूर किया जाता था। इसके साथ ही आरएसएस से जुड़ने का दबाव बनाया जाता था। उन्होंने यह भी दावा किया कि जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया तो कॉलेज के अन्य प्रोफेसरों ने उन्हें बाथरूम में बंद कर दिया।
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