विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अंबेडकर को लेकर सियासी उफान चरम पर है। सपा कांग्रेस के साथ अन्य सियासी दल उनके नाम के पतवार को इस्तेमाल कर चुनावी बैतरणी को पार करने की जुगत में है। हाल ही में संसद में भारत रत्न अंबेडकर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर सभी सियासी पार्टियों ने मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में बसपा ने भी मंगलवार यानी कल देश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

मायावती बोली- कांग्रेस व भाजपा सबकी नीयत में खोट

मायावती ने आंदोलन में शामिल होने के लिए आम जनमानस को आमंत्रित किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के मूल निर्माता बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर का अपमान व उनके करोड़ों अनुयाइयों के प्रति हीन भावना का दुखद परिणाम है परभणी जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं। साबित है कि कांग्रेस व भाजपा आदि कोई इनका सच्चा हितैषी नहीं सबकी नीयत, नीति में खोट।

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मायावती ने कांग्रेस पर साधा जमकर निशाना

मायावती ने परभणी घटना को लेकर कांग्रेसियों पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया और कहा कि बाबा साहब को लेकर कांग्रेस का रवैया हमेशा भेदभावपूर्ण जातिवादी और त्रिस्कृत ही रहा है। जबकि दलितों पिछड़ो की याद महज इन राजनैतिक दलों को बुरे वक्त में ही आती है। इस मामले को लेकर बहुजन समाज और अंबेडकर के अनुयायी उद्वेलित है।

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इस दौरान मायावती ने अपने परम्परागत वोट बैंक को साधने के लिए भी अपने हाथों से अपनी पीठ थपथपाई है। उन्होने कहा कि दलितों वंचितों को बसपा ही शासक बना सकती है। इसी आत्मसम्मान को पाने का मूवमेंट बसपा चला रही है। जबकि दूसरी पार्टी सिर्फ सत्ता में आने के लिए इनके वोटो का इस्तेमाल कर रही है। जबकि अपने स्वार्थ के चलते ही ये राजनैतिक दल मुह में राम बगल में छुरी जैसी राजनीति कट हमेशा बहुजनों को ठगते आए है।