महाराष्ट्र तथा हरियाणा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस (Congress) ने केंद्र सरकार व चुनाव आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. कांग्रेस ने महाराष्ट्र (Maharashtra) सहित हरियाणा (Haryana) के 50 सीटों पर BJP के बढ़े वोटिग प्रतिशत को लेकर सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इन सीटों के वोटर लिस्ट मांगे थे. चुनाव आयोग ने अब 66 पन्नों का जवाब कांग्रेस को भेजा है. साथ ही चुनाव आयोग (Election Commission) ने कहा है कि वोटर लिस्ट से जो नाम काटे गए हैं, उसमें पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया संबंधित पार्टी की ओर से मांगे गए डेटा और फॉर्म 20 महाराष्ट्र इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसे डाउनलोड किया जा सकता है.
आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र की 50 विधानसभा सीट पर जुलाई से नवंबर तक 50 हजार वोटर जोड़ने की कांग्रेस की शिकायत तथ्यात्मक रूप से गलत है. ऐसा नहीं हुआ है. हमने एक-एक सीट का ब्योरा चेक किया है. जुलाई से नवंबर तक 50 हजार वोटर जोड़े जरूर गए हैं, लेकिन ये सिर्फ 6 विधानसभा सीटों पर जुड़े. लेकिन अब चुनाव आयोग ने एक-एक सीट पर जांच के बाद 66 पन्नों का विस्तृत जवाब कांग्रेस को भेजा है और सभी दावों को झूठा करार दिया है.
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वोटरो के नाम काटे जाने को लेकर उठाए सवाल
महाराष्ट्र चुनाव की वोटर लिस्ट को लेकर उठाए गए सवाल का केंद्रीय चुनाव आयोग ने विस्तार से जवाब दिया. चुनाव आयोग ने बताया है कि कांग्रेस की तरफ से दी गई शिकायत में कहा गया था कि महाराष्ट्र में हुए लोकसभा-विधानसभा चुननाव के बीच 80 हजार 391 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए. यानी औसतन 2,779 मतदाता एक विधानसभा से कम हो गए. इस पर चुनाव आयोग ने कहा है कि जो नाम काटे गए हैं, उसके लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है. नोटिस जारी करने के साथ ही फील्ड सर्वे कर ये सुनिश्चित किया गया कि या तो उन मामलों में मतदाता की मृत्यु हो गई है, या फिर उनका पता बदल गया है, या फिर वह उसे पते पर अब नहीं रह रहे हैं, उसके बाद ही उन मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए.
कांग्रेस को दिए जवाब में चुनाव आयोग ने पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों की सक्रिय भागीदारी के करीब 60 उदाहरण दिए. चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों की सार्थक भागीदारी भारतीय चुनावी प्रक्रिया का प्रमुख स्तंभ है. से जुड़ी शिकायतों को लेकर बीते दिनों कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी. कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि उन्होंने चुनाव आयोग से कई आंकड़ों की मांग की थी.
कांग्रेस ने यह भी दावा किया था कि वोटिंग कम होने के बावजूद ज्यादा दिखाया जा रहा है. वोटर टर्नआउट में बदलाव किया जा रहा है, अचानक ज्यादा वोटिंग दिखाई जा रही है. इसका सबूत भी देते हुए कांग्रेस ने कहा था कि शाम 6 बजे मतदान के बाद वोटिंग टर्नआउट कुछ और बताई जाती है और बाद में 4 से 5 फीसदी वोटिंग बढ़ाकर दिखाई जाती है. चुनाव आयोग ने इसका भी जवाब दिया है. आयोग ने कहा कि वोटर टर्नआउट में बदलाव असंभव है. क्योंकि उम्मीदवारों के एजेंट के पास फॉर्म 17C में मतदान खत्म होने के समय मतदान प्रतिशत का आंकड़ा दर्ज किया जाता.
ईवीएम पर उठाए थे सवाल
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में मिली करारी हार के बाद ईवीएम पर भी सवाल उठाए थे, जिसका चुनाव आयोग ने जवाब दिया था. महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया था कि राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर 1440 VVPAT की पर्चियों की गिनती हुई. ईवीएम और VVPAT की पर्चियों की गिनती में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं पाई गई. यानी सारी ईवीएम सही थीं.
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