कुंदन कुमार/पटना: बिहार की राजनीतिक धुरी हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द घूमते रहा है. चाहे वह भारतीय जनता पार्टी हो, चाहे वह राष्ट्रीय जनता दल हो. जिसके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आते हैं, सरकार उनकी होती है और सरकार के मुखिया सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार ही होते हैं. बीते एक दशक से यही स्थिति बिहार का देखने को मिला है और अभी भी जो राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है, उसको देखकर कहा जा सकता है कि एनडीए गठबंधन में कहीं ना कहीं नीतीश कुमार नाराज चल रहे हैं.
‘एनडीए पूरी तरह से एकजुट है’
फिलहाल इसको लेकर एनडीए गठबंधन के नेता का कहना है कि एनडीए पूरी तरह से एकजुट है. कहीं भी किसी भी तरह का विवाद नहीं है, लेकिन आपको बता दें कि कुछ दिन पहले एक निजी चैनल पर एक डिबेट चल रहा था और डिबेट के दौरान गृह मंत्री अमित शाह से जब यह पूछा गया कि बिहार के अगले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे या नहीं, तो उनका जो अपुष्ट उत्तर था, उसके बाद से ही बिहार के लिए गठबंधन में आपस में कुछ मत भिन्नता देखने को मिल रही है, वैसे कार्यक्रम के हिसाब से अगर देखे तो मुख्यमंत्री का पहले से जो निर्धारित कार्यक्रम था प्रगति यात्रा का मुख्यमंत्री उस यात्रा पर भी गए हैं.
एनडीए गठबंधन के नेताओं की होगी बैठक
दो दिनों तक वह यात्रा पर गए, लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि इस यात्रा में भारतीय जनता पार्टी के कोई बड़े नेता शामिल नहीं हुए हैं, जहां भी मुख्यमंत्री गए अपने पार्टी के मंत्री उनके साथ रहे, जिला प्रभारी साथ रहे, जिलाध्यक्ष साथ रहे और वह अधिकारी के साथ उन्होंने समीक्षा भी किया है और कई योजनाओं की घोषणा भी प्रगति यात्रा के दौरान उन्होंने किया है. वैसे एनडीए गठबंधन का बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हर एक विधानसभा में 15 जनवरी से बैठक होना है और उसको लेकर एनडीए गठबंधन के सभी दल के प्रदेश अध्यक्ष का कल भाजपा कार्यालय में एक बैठक भी हुआ है और एक साथ या निर्णय लिया कि हर एक विधानसभा क्षेत्र में 15 जनवरी के बाद एनडीए गठबंधन के नेताओं की बैठक होगी.
आपस में कर रहे हैं बैठक
सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक कुछ खास क्लियर नहीं हुआ है. आपको बता दे कि बिहार में एनडीए गठबंधन में जनता दल यूनाइटेड, भारतीय जनता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास, हिंदुस्तानी आता मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा है और एनडीए गठबंधन लिया गया है कि सभी पार्टी एक साथ विधानसभा वार बैठक करेंगे और उसके बाद ही किस विधानसभा क्षेत्र में किस पार्टी का उम्मीदवार होगा. इस पर चर्चा होगी. फिलहाल एनडीए का यह कार्यक्रम चल रहा है. एनडीए के जो दूसरे श्रेणी के नेता है. आपस में बैठक भी कर रहे हैं. सामंजस बैठाने की भी कोशिश कर रहे हैं.
अधिकारियों का तबादला
लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उसके बावजूद जिस तरह की एक्टिविटी देखने को मिल रही है, उसको देखकर कहा जा सकता है कि अभी भी वह एनडीए गठबंधन में नाराज चल रहे हैं. बिहार में एनडीए गठबंधन की सरकार है. भारतीय जनता पार्टी के जिम्में जो विभाग है, उसको लेकर कई बार यह चर्चाए होती है कि विभाग में अब अधिकारियों का तबादला होगा. अधिकारियों के तबादला को लेकर भाजपा के मंत्री इस साल की जून महीने में कोशिश भी किए थे, लेकिन मुख्यमंत्री की नाराजगी के कारण भूमि राजस्व विभाग से लेकर स्वास्थ्य विभाग जो कि भाजपा के पास में है, वहां तबादला नहीं हो सका.
मनमुटाव की बनी हुई है स्थिति
इस बार भी भाजपा कोटे के मंत्री ने अपने-अपने विभागों में अफसर के तबादला करने की नीति बनाई थी, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री से सहमति भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों का नहीं बन पाया. यही कारण रहा की दिसंबर महीना बिताने वाला हैं. अभी तक भी जो तबादला होना था. वह नहीं हो पाया है. इसको लेकर कहीं ना कहीं भाजपा और जदयू के बीच अंदर खाने में मनमुटाव की स्थिति बनी हुई है. सूत्रों के अनुसार जो बड़े विभाग भारतीय जनता पार्टी को दिए गए हैं. कहीं ना कहीं वहां भी ऐसे अधिकारी को बैठा दिया गया है, जो कि कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास है और बीजेपी के मंत्री से उनकी पटरी नहीं खा रही है.
कई मंत्रियों से नाराज है मुख्यमंत्री
इस तरह की स्थिति निश्चित तौर पर बिहार में देखने को मिल रही है. सूत्रों के अनुसार खबर यह भी आ रही है कि नीतीश कुमार बीजेपी के कई मंत्रियों से अच्छे खासे नाराज है. हाल के दिनों में उद्योग विभाग का कार्यक्रम पटना में किया गया था, जिसमें कई देशों के निवेशक भी पहुंचे थे और उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी जाना था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्यक्रम में शरीक नहीं हुए और उसके बाद से ही चर्चाओं का यह बाजार गर्म होते चला गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन से नाराज चल रहे हैं, वैसे अभी तक कोई बड़े नेता इसको लेकर कोई बड़ा बयान नहीं दिया है, लेकिन फिलहाल जो स्थिति है, उसको देखकर कहा जा सकता है कि बिहार में जो एनडीए की सरकार चल रही है, उसमें कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी और जदयू के बीच कई मुद्दे को लेकर धीरे-धीरे तकरार बढ़ रहा है और यही कारण है कि नीतीश कुमार अब अच्छे खासा नाराज दिख रहे हैं.
मनमानी कर रहे हैं मंत्री
नीतीश के नाराजगी का मुख्य कारण है कि भाजपा कोटे के मंत्री अपने विभाग में मनमानी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि सरकार में उनके साथ रहकर कोई अपने हिसाब से कम करें. फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री की नाराजगी इतना ज्यादा है कि वह एनडीए गठबंधन से बाहर आकर फिर कोई बड़ा निर्णय लेंगे, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री एनडीए गठबंधन में है भी और वह भाजपा कोटे के कई मंत्रियों से नाराज भी नजर आ रहे हैं, अब नाराज मुख्यमंत्री किस तरह का निर्णय लेते हैं यह तो आने वाला समय बताएगा.
पाला बदलने को तैयार?
फिलहाल चर्चाओं का यह बाजार गर्म है कि नीतीश कुमार फिर से एक बार पाला बदलने को तैयार हो सकते हैं, अब देखने वाला बात यह होगा कि जो चर्चा बिहार के राजनीतिक गलियारा में चल रहा है. वह कहा तक सच होता है. फिलहाल आज भी नीतीश कुमार अपने घटक दल के नेताओं के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जयंती के अवसर पर साथ नजर आए हैं और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रतिमा पर जाकर माल्यार्पण किया हैं, अब आने वाला समय बताएगा कि नीतीश की नाराजगी किस तरह की है और नीतीश कुमार क्या कुछ चाहते हैं?.
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