Rupee Vs Dollar Details: Rupee अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. अमेरिकी डॉलर (US dollar) के मुकाबले रुपया 07 पैसे गिरकर 85.19 रुपए प्रति डॉलर (85.19 per dollar) के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ. विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण यह गिरावट आई है. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने भारतीय रुपये में गिरावट के लिए अमेरिकी डॉलर की मजबूत मांग और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी को जिम्मेदार ठहराया है.

दरअसल, पिछले सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने वर्ष 2025 में ब्याज दरों में दो बार कटौती की है. इसके बाद डॉलर इंडेक्स 0.38 प्रतिशत मजबूत होकर 107.75 पर पहुंच गया है.

महंगा हो जाएगा आयात

रुपए की कीमत में गिरावट का मतलब है कि भारत के लिए चीजों का आयात महंगा हो जाएगा. इसके अलावा विदेश यात्रा (Rupee Vs Dollar Details) और पढ़ाई भी महंगी हो गई है. मान लीजिए जब Dollar के मुकाबले रुपए (Rupee Vs Dollar Details) की कीमत 50 थी.

 उस समय अमेरिका में भारतीय छात्रों को 50 रुपए में 1 डॉलर मिलता था. अब छात्रों को 1 डॉलर के लिए 85.06 रुपए खर्च करने पड़ेंगे. इससे फीस से लेकर खाना-पीना और रहना-सहना और दूसरी चीजें महंगी हो जाएंगी.

Currency की कीमत कैसे तय होती है ?

अगर डॉलर के मुकाबले किसी दूसरी करेंसी की कीमत घटती है तो उसे करेंसी का गिरना, टूटना या कमजोर होना कहते हैं. अंग्रेजी में करेंसी डेप्रिसिएशन. हर देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार होता है, जिसके जरिए वह अंतरराष्ट्रीय लेन-देन करता है. विदेशी भंडार में बढ़ोतरी या कमी का असर करेंसी की कीमत पर देखने को मिलता है.

 अगर भारत के विदेशी भंडार में मौजूद डॉलर अमेरिका के रुपए भंडार के बराबर है तो रुपए की कीमत स्थिर रहेगी. अगर यहां डॉलर घटता है तो रुपया कमजोर होगा, अगर बढ़ता है तो रुपया मजबूत होगा. इसे फ्लोटिंग रेट सिस्टम कहते हैं.