अमृतसर. दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में खालिस्तानी आतंकवादियों का एनकाउंटर हुआ। इन आतंकियों का प्रमुख पाकिस्तान में रह रहा रंजीत नीटा है। नीटा खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के नाम पर आतंकी संगठन चला रहा है। जम्मू का रहने वाला नीटा, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर काम करता है।

रंजीत नीटा ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर कई धमाके किए हैं। वह भारत के टॉप-20 मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में शामिल है। जानकारी के अनुसार, उसकी उम्र 85 साल है। पंजाब में उसने शिवसेना नेताओं पर पेट्रोल बम फेंके, पुलिस थानों और चौकियों पर हमले किए। कोरोना काल में उसकी मौत की अफवाह भी फैली थी, लेकिन अब उसने फिर से पंजाब में आतंकी हमले शुरू कर दिए हैं।

अपराधों से ISI तक का सफर

रंजीत नीटा मूल रूप से जम्मू का रहने वाला है। वह सांबा और आरएस पुरा में छोटे-मोटे अपराध करता था। इस दौरान वह पाकिस्तान के तस्करों के संपर्क में आया। इन्हीं तस्करों ने नीटा का परिचय ISI से करवाया।

पाकिस्तान में प्रशिक्षण लिया

ISI से मिलने के बाद, नीटा कई बार जम्मू-कश्मीर सीमा से पाकिस्तान गया। वहां उसने बम धमाके करने और हैंड ग्रेनेड फेंकने का प्रशिक्षण लिया। लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर उसने जम्मू में कई धमाके करवाए।

ऑपरेशन ब्लैक थंडर के बाद ISI का हिस्सा बना

1986 में ऑपरेशन ब्लैक थंडर के बाद नीटा ने पूरी तरह से ISI के निर्देशों पर काम करना शुरू कर दिया। उसने पंजाब में हत्याएं करवाईं और ड्रोन के जरिए हथियार और विस्फोटक भेजने का काम शुरू किया। साथ ही, ISI और कट्टरपंथी खालिस्तानी गुटों के संबंधों को मजबूत किया।

यूरोपीय संघ का प्रतिबंध और पाकिस्तान में शरण

2005 में यूरोपीय संघ ने KZF को आतंकी संगठन घोषित कर दिया। इसके बाद, नीटा ने पाकिस्तान में शरण ली। ISI की मदद से वह पाकिस्तान में छिपकर अपनी गतिविधियां चला रहा है।

भारत की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल

2008 में भारत ने टॉप-20 मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची पाकिस्तान को भेजी थी, जिसमें रंजीत नीटा का नाम भी था। 2019 में पंजाब पुलिस ने नीटा के खिलाफ जेल में बंद अपराधियों की मदद से पाकिस्तान से हथियार और जाली करेंसी मंगाने का मामला दर्ज किया।