नई दिल्ली. पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवानों ने शहादत दी है, इस हमले की जानकारी 8 फरवरी को खूफिया विभाग ने सीआरपीएफ अधिकारियों को एक पत्र लिखकर आतंकी हमले के प्रति आगाह किया था, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. इसके अलावा एक औऱ बात सामने निकलकर आई है कि सीआरपीएफ ने हमले से हफ्ते भर पहले ही गृह मंत्रालय से जवानों को हवाई मार्ग से श्रीनगर भेजने की मांग की थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने इस मांग पर ध्यान नहीं दिया था. इसे वित्तीय कारणों से मंजूरी नहीं मिली.

सीआरपीएफ की तरफ से इससे पहले भी जवानों को हवाई मार्ग से लाने की मांग की गई थी, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया. 4 फरवरी से बर्फबारी के कारण जम्मू में फंसे सीआरपीएफ के जवानों को भी हवाई मार्ग से श्रीनगर पहुंचने की मंजूरी मांगी गई थी.

सीआरपीएफ के अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा था. मुख्यालय ने यह प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेज दिया था, लेकिन कोई जवाब न आने पर सीआरपीएफ का काफिला 14 फरवरी को सुबह साढ़े तीन बजे जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना हो गया. जिसके बाद जम्मू कश्मीर के पुलवामा में दोपहर को आतंकी हमला हो गया, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए.