कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस कार्यसमितित की बैठक चल रही है.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन (INC) के शताब्दी समारोह का कार्यक्रम 26 और 27 दिसंबर को बेलगावी (Belagavi) में आयोजित किया गया है. यह अधिवेशन महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर CWC की विशेष बैठक आयोजित की है. बैठक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत पार्टी के तमाम नेता इसमें शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) कुछ कारणों से इसमें शामिल नहीं हो सकी हैं. उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी को लेटर लिखा है. इसमें कहा, मौजूदा सरकार में महात्मा गांधी की विरासत को खतरा है. ये संगठन कभी आजादी के लिए नहीं लड़े, बल्कि महात्मा गांधी का पुरजोर विरोध किया. इन संगठनों ने ऐसा जहरीला माहौल तैयार किया, जिसने महात्मा गांधी की हत्या का रास्ता साफ किया. ये लोग महात्मा गांधी के हत्यारों को गौरवान्वित करते हैं.
पार्टी ने कार्य समिति की बैठक नाम ‘नव सत्याग्रह बैठक’ रखा
सोनिया गांधी ने अपने लेटर में आगे कहा कि देश में अलग-अलग स्थानों पर पर गांधीवादी संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं, इसलिए ये जरूरी है कि CWC की इस बैठक को ‘नव सत्याग्रह बैठक’ कहा जाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का कर्तव्य है कि वह इन ताकतों का दृढ़ संकल्प के साथ मुकाबला करे। बता दें कर्नाटक के बेलगावी में ये कांग्रेस का 39वां अधिवेशन है.
महात्मा गांधी हमारी प्रेरणा का मूल स्रोत
सोनिया गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी हमारी प्रेरणा का मूल स्रोत रहे हैं, वे हमारे देश के इतिहास में एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर थे. आज हम महात्मा गांधी की विरासत को संरक्षित, सुरक्षित और बढ़ावा देने के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं. आगे उन्होंने अपने लेटर में CWC बैठक में उपस्थित न होने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों से खेद भी प्रकट किया.
सोनिया गांधी ने कहा, देश में अलग-अलग स्थानों पर पर गांधीवादी संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं. इसलिए ये जरूरी है कि इस बैठक को नव सत्याग्रह बैठक कहा जाए. अब हमारा ये कर्तव्य है कि हम इन ताकतों का पूरी ताकत और दृढ़ संकल्प के साथ मुकाबला करने के अपने संकल्प को दोहराएं. हमारे संगठन को और अधिक मजबूत बनाने का मुद्दा भी आज उठेगा.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, हमारे संगठन का इतिहास इतना गौरवशाली है कि इसने बार-बार अपनी दृढ़ता का परिचय दिया है. आइए हम व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से इस बैठक के जरिए आगे बढ़ें और अपने संकल्प को मजबूत करें कि हम अपनी पार्टी के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना नई तत्परता और नए उद्देश्य के साथ करेंगे. मैं आप सभी को नए साल की शुभकामनाएं देती हूं.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39वां अधिवेशन ठीक सौ साल पहले इसी स्थान पर हुआ था. इसलिए यह उचित ही है कि आप महात्मा गांधी नगर में एकत्रित हुए हैं. महात्मा गांधी का यहां कांग्रेस अध्यक्ष बनना हमारी पार्टी और स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था.
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