सोहराब आलम/पूर्वी चंपारण: मोतिहारी के जिला श्रम कार्यालय कुछ वर्ष पहले तक बाल मजदूर, बंधुआ मजदूर को मुक्त करवाने के लिए चर्चा में रहता था, लेकिन उपलब्धियों के नीचे करप्ट सिस्टम का एक खेल भी मोतिहारी में चल रहा था. सरकार योजना लाती है जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने के लिए पर भ्रष्ट अधिकारियों और दलालों के गठजोड़ असली लाभुक के बजाए फर्जी लाभुक के नाम पर करोड़ों का बंदरबांट कर लेते है, ऐसा ही कुछ मोतिहारी के श्रम कार्यालय में हुआ है, जहां मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में गजब का घोटाला हुआ है.
मोटी कमीशन पर होता है खेला
दरअसल, मोतिहारी के कोटवा प्रखंड में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में फर्जी भुगतान के कई सुबूत मिले है, अगर विभाग द्वारा जांच की जाए, तो यह घोटाला करोड़ो में जा सकता है. बता दें कि मोतिहारी सहित पूरे बिहार में श्रम विभाग के द्वारा निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों का लेवर कार्ड बनाया जाता है, उसी लेबर कार्ड के तहत श्रम विभाग में निबंधित मजदूरों को 2 बेटियों की शादी के लिए श्रम विभाग के तहत 50-50 हजejर रुपये का अनुदान दिया जाता है, अब मोतिहारी में कई प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी इसी का लाभ उठाते हुए लाभुक के साथ मिलकर 50% के मोटी कमीशन पर इसका लाभ बिना जरूरतमंद को अथवा बिना सही जांच किए भी दे देते है.
मोतिहारी के कोटवा प्रखंड में कई मामला सामने आया है-
उदाहरण (1) ग्राम रोहुआ पोस्ट मच्छरगांवा प्रखंड कोटवा निवासी गुड्डू शर्मा ने अपने बेटी के शादी में श्रम विभाग से 50 हज़ार का अनुदान लिया है, लेकिन उनके आवेदन में साफ लिखा है, उसकी पत्नी का उम्र वर्तमान में 21 साल है, फिर क्या यह संभव है कि 21 साल की महिला 18 साल की बेटी की मां हो सकती है?
उदाहरण (2) ग्राम कररिया प्रखंड कोटवा निवासी स्व० सुनील कुशवाहा की पत्नी ऊषा देवी ने अंचल कार्यालय के द्वारा जारी अपने वंशावली में जानकारी दिया है कि उनको बेटी नहीं है, सिर्फ 4 पुत्र ही है, फिर उनको श्रम विभाग बेटी की शादी के लिए 50 हज़ार का अनुदान दे दिया.
उदाहरण (3) ग्राम पुरानीडीह प्रखंड कोटवा निवासी राजकुमार शर्मा ने भी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत श्रम विभाग से 50 हज़ार का अनुदान प्राप्त किया है, लेकिन इनके आवेदन में भी इनकी पत्नी सुनीता देवी की उम्र सिर्फ 25 साल ही है, यानी 25 साल की महिला 18 साल की बेटी की मां बन गई?
‘जांच की जाएगी’
सूत्रों की माने तो केवल कोटवा प्रखंड में ही काफी संख्या में एलईओ द्वारा फर्जी लाभुकों के बीच मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का फर्जी भुगतान किया गया है, जबकि हरसिद्धि प्रखंड के सिर्फ एक पंचायत मानिकपुर हसुआहा में करीब 400 लोगों को अनुदान मिला है, जिसमें अगर जांच हो, तो अधिकतर फर्जी निकल जाएगा. जिला श्रम अधीक्षक अनिल कुमार सिंह का दावा है कि कही 3 मामले आये है, जिसके बाद रिकवरी की गई है. वहीं, आगे मामले आने पर जांच की जाएगी.
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