देव चौहान, भोजपुर (रायसेन)। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन इन दावों की हकीकत कुछ और ही है। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सरकार कई हजार करोड़ जरुर खर्च करती है, बावजूद इसके सरकार के दावों को ठेंगा दिखाने वाली बदहाल व्यवस्था की तस्वीरें सामने आ ही जाती हैं।

ऐसा ही कुछ देखने को मिला है रायसेन जिले के भोजपुर शहर के मंडीदीप में। यहां सड़क हादसे में घायल एक शख्स को घंटों सड़क पर दर्द से तड़पने के बाद भी एंबुलेंस नहीं मिली। कुछ लोगों ने हमदर्दी दिखाते हुए बाइक से अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल ने उसे रेफर किया तो एंबुलेंस का ड्राइवर ही नदारद था।

घंटों तड़पता रहा मरीज  

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “मंडीदीप में एक युवक सड़क हादसे में घायल हो गया था। घंटों दर्द से कराहता रहा, एंबुलेंस को फोन किया पर वाहन नहीं आया। जिसके बाद कुछ पत्रकार उसे बाइक में बैठाकर सिविल हॉस्पिटल पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने भी उसका ठीक तरीके से इलाज नहीं किया और फोन में बात करने में व्यस्त रहे। इसके बाद उसे भोपाल रेफर कर दिया। लेकिन हद तो तब हो गई जब उसमें ड्राइवर ही मौजूद नहीं था। कई घंटों के बाद दूसरे एंबुलेंस की मदद से उसे भोपाल के अस्पताल में भेजा गया।”  

अधिकारियों ने दी यह सफाई

रायसेन सीएमएचओ दिनेश खत्री ने इस मामले पर कहा, “मंडीदीप में जो एम्बुलेंस है उसमें ड्रायवर नहीं है। अगर आवश्यकता होती है तो दूसरे ड्राइवरों से चलवाते हैं। सभी एम्बुलेंस 108 में सम्मिलित हो गई है। मरीज रात को 10:40 मिनट पर आया था। उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद 11:15 बजे 108 से भोपाल रेफर कर दिया गया था।”

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