उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने संगठन को नए सिरे से सशक्त बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. रविवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद, यूपी में जिलेवार मंडल अध्यक्षों की नई तैनाती की लिस्ट जारी की जाने लगी है. रायबरेली में 22 मंडल अध्यक्षों और 22 जिला प्रतिनिधियों की घोषणा की गई, जिसमें संजय मौर्या का नाम भी शामिल है, जिन्हें राही ब्लॉक का जिला प्रतिनिधि बनाया गया है. हालांकि, संजय मौर्या का 18 मई 2022 को निधन हो चुका है, और उनकी नामजदगी के बाद विवाद शुरू हो गया है.
भा.ज.पा. के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रदेश में 1819 मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी है, जिनमें से 750 की लिस्ट जारी की जा चुकी है. बाकी की लिस्ट भी जल्द जारी की जाएगी. पार्टी सूत्रों के अनुसार, कुछ जिलों में सहमति नहीं बन पाई है, इसलिए लिस्ट जारी नहीं हो पाई. नई लिस्ट के मुताबिक, 50% से अधिक मंडल अध्यक्ष बदले गए हैं, और पार्टी ने पिछड़े वर्ग (OBC) और दलित समुदायों पर खास ध्यान दिया है. कई जिलों में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति वोटरों की संख्या के आधार पर की गई है. इस नियुक्ति प्रक्रिया में RSS का भी प्रभाव देखा गया है, साथ ही जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, विधायक और सांसद की सहमति ली गई है.
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भा.ज.पा. में जल्द ही संगठन स्तर पर और बड़े फेरबदल होने वाले हैं. जनवरी के तीसरे सप्ताह तक नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा, और 98 संगठनात्मक जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी 15 जनवरी तक कर दी जाएगी. नए मंडल अध्यक्ष विधानसभा चुनाव 2027 के दौरान मंडल स्तर पर चुनाव प्रचार और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालेंगे, और इससे पहले पंचायत चुनाव 2026 में पार्टी की सफलता सुनिश्चित करने की बड़ी जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर होगी.
पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया ने बताया कि पश्चिम के 19 जिलों में से 9 जिलों में मंडल अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं. अवध क्षेत्र में सात जिलों में मंडल अध्यक्ष घोषित किए गए हैं, और लखनऊ सहित अन्य जिलों में मंडल अध्यक्षों की घोषणा आज की जाएगी. भा.ज.पा. में बूथ अध्यक्ष के बाद मंडल अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो पार्टी के कार्यक्रमों और अभियानों को जमीनी स्तर पर लागू करने में अहम होते हैं. कई वर्तमान नेताओं, जैसे प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और अन्य मंत्री, सांसद और विधायक भी मंडल अध्यक्ष पद से ही इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं.
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