लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यूपी इनोवेशन फण्ड (यूपीआईएफ) के सम्बन्ध में बैठक की. उन्होंने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की तीनों टेक्निकल यूनिवर्सिटी को इनोवेशन से जोड़ने के निर्देश देते हुए कहा कि तीनों टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इनोवेशन सेंटर बनाए जाएं, जहां पर विद्यार्थियों को स्टार्टअप से सम्बन्धित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने ग्लोबल और लोकल मार्केट की मैपिंग कराने के निर्देश दिए, ताकि वर्तमान की आवश्यकता के अनुसार छात्र इनोवेशन को विकसित कर सकें.
सीएम ने कहा कि वर्तमान में तेजी के साथ टेक्नोलॉजी बदल रही है. ऐसे में बदलती हुई टेक्नोलॉजी और ग्लोबल मार्केट की डिमाण्ड के अनुसार इनोवेशन को विकसित किया जाए. इसके लिए जरुरी है कि नये इनोवेशन के लिए सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाए. साथ ही, सभी तीनों टेक्निकल यूनिवर्सिटी में भी इनोवेशन की आवश्यकता के अनुसार सेण्टर की स्थापना की जाए. इसके लिए सरकार द्वारा उन्हें फण्ड उपलब्ध कराया जाए.
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योगी ने कहा कि सरकार के पास फण्ड की कमी नहीं है, जबकि युवाओं के पास इनोवेशन तो है, लेकिन उनके पास फण्ड की कमी है. ऐसे में यूनिवर्सिटी के माध्यम से छात्रों को फण्ड उपलब्ध कराया जाए. इससे आने वाले समय में नये-नये इनोवेशन सामने आएंगे. इससे जहां प्रदेश का युवा ग्रोथ करेगा, वहीं प्रदेश का भी नाम रोशन होगा. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को एक प्रारुप तैयार करने के निर्देश दिये. उन्होंने ग्लोबल मैपिंग के बाद उसकी आवश्यकता के अनुसार ट्रेड तैयार करने और वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुसार पुराने ट्रेडों के आधुनिकीकरण के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप को ईकोसिस्टम से जोड़ना होगा. इसके लिए टेक्निकल यूनिवर्सिटी में मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ ओडीओपी के लिए भी स्पेस दिया जाए. उन्होंने आवश्यकता के अनुसार ट्रेड सेलेक्ट करके छात्रों को इनोवेशन के लिए प्रेरित करने और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सिटी को भी प्रेरित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए यूनिवर्सिटी को पूरी तरह से फ्रीडम दिए जाने पर नये इनोवेशन सामने आएंगे. उन्होंने इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सिटी को आईआईटी से जोड़ने के निर्देश दिये.
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बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए 02 साल पहले 400 करोड़ रुपये के अंशदान को स्वीकृति दी गई थी. वहीं इन्वेस्टमेंट मैनेजर को 1200 से 3600 करोड़ रुपये का अंशदान करना था. इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार और इन्वेस्टमेंट मैनेजर के अंशदान को बराबर करने पर विचार किए जाने की बात कही. इससे जहां प्रदेश में इनोवेशन को प्रोत्साहन मिलेगा, वहीं छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा.
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