महाकुंभ 2025: सिर पर धारण किए हैं 225000 रुद्राक्ष, जानिए कौन हैं हठयोगी महंत
महाकुंभ 2025 को लेकर साधु-संतों का जमघट संगम तट पर लगने लगा है
कई संत अपने अनोखे अंदाज के साथ लोगों का ध्यान खींच रहे हैं
ऐसे ही एक महंत गीतानंद गिरि, उनके सिर पर सजा रुद्राक्ष का मुकुट बरबस ध्यान खींचता है
सवा दो लाख रुद्राक्ष का भारी-भरकम मुकुट वे हर रोज 12 घंटे धारण करते हैं
बाबा को रुद्राक्ष धारण करने की प्रेरणा कब और कैसे मिली
छह साल पहले प्रयागराज में ही अर्द्धकुंभ के दौरान हठयोग शुरू किया था
तब बाबा ने प्रण लिया था कि 12 वर्ष तक रोज 12 घंटे अपने सिर पर सवा लाख रुद्राक्ष धारण करूंगा
अभी छह वर्ष बाकी हैं, लेकिन मुकुट में 25 हजार मालाएं हो चुकी हैं, इनमें सवा दो लाख रुद्राक्ष हैं
मुकुट का वजह 45 किलो हो गया है
बाबा ने बताया कि वह पंजाब के कोट का पुरा में गुरु के ही आश्रम में रहते हैं, संस्कृत विद्यालय से 10वीं तक पढ़ाई की है
अखाड़े में संन्यासी और नागा संन्यासी के बाद सेक्रेटरी महंत के पद तक पहुंचे हैं.
कैसे बनते हैं नागा साधु? प्रक्रिया है बहुत कठिन
Learn more