मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को सचिवालय में आगामी अंतर्राष्ट्रीय उत्तराखण्डी प्रवासी सम्मेलन के संबंध में सभी जिलाधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की. इस दौरान सीएस ने निर्देश दिए कि प्रवासियों को ग्राम स्तर की विकास प्रक्रिया से जोड़ने और प्रेरित करने, प्रवासियों की विशेषज्ञता, अनुभवों और वित्तीय सहायता का लाभ समेत राज्य के गांवों के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रशासन को भी अति सक्रियता और उत्साह से कार्य करना होगा.

देश और दुनियाभर से बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड मूल के प्रवासियों द्वारा राज्य में गांवों को गोद लेने में व्यक्त किए जा रहे अभूतपूर्व उत्साह को देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में प्रवासियों से सम्पर्क, समन्वय और योजनाओं को प्रभावी रूप से धरातल पर लाने के लिए हर जिले में एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए. उन्होंने जिलाधिकारियों को स्पष्ट किया कि प्रवासियों द्वारा गोद लिए जा रहे गांवों में विकास के लिए जिस भी क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा व्यक्त की जा रही हैं, उसमें किसी भी प्रकार की बाध्यता न रखी जाए.

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बैठक में बताया गया कि अमेरिका में निवासरत शैलेश उप्रेती अल्मोड़ा के मानन गांव को गोद ले रहे हैं. वे अल्मोड़ा में एक माॅडल एनर्जी स्टोरेज सेन्टर विकसित करना चाहते हैं. यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली नीतू अधिकारी वहां पर पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी हैं. वह नैनीताल का एक्वा तोक जंगलिया गांव गोद ले रही हैं. वे राज्य में विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती हैं और उक्त गांव में कीवी की खेती एवं योग केन्द्र स्थापित करेंगी. इसके साथ ही वे सभावाला, देहरादून में कौशल विकास पर कार्य करेंगी.

चीन में रहने वाले देव रतूड़ी जो कि एक प्रतिष्ठित उद्यमी, समाजसेवी और अभिनेता हैं, उन्होंने टिहरी के सुनार गांव एवं केमरिया गांवों को गोद लिया है. उनकी ओर से इसके लिए जिला प्रशासन को फण्ड भी उपलब्ध करा दिए गए हैं. उन्होंने उक्त गांवों में सामुदायिक सुविधाओं के विकास, सोलर लाइट, गांवों के युवाओं को चीन में रोजगार दिलवाने में सहायता, शिक्षा में रूचि व्यक्त की गई हैं. दुबई के निवासी विनोद जेथूरी प्रतिष्ठित शिक्षाविद और समाजसेवी हैं. अपने एनजीओ समून के माध्यम से वे उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए कार्य कर रहे हैं. वे उत्तरकाशी में ओसला गांव गोद ले रहे हैं, जहां पर वे कौशल विकास पर कार्य करेंगे.

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लखनऊ में निवासरत एम.पी. भट्ट एक कृषि उद्यमी हैं, जिन्हें टिश्यू कल्चर में विशेषज्ञता हासिल है. उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषि में उत्कृष्ट कार्य के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं. वे टिहरी में झौन एवं भदरसू गांव गोद ले रहे हैं. वह स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर अदरक, हल्दी और लेमन की खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं. अहमदाबाद से डॉ. विरेन्द्र रावत ग्रीन मेंटर्स के फाउण्डर और डाइरेक्टर हैं. उनकी संस्था सस्टेनेबल फार्मिंग में ग्लोबल लीडर है, जो शिक्षा और नीतिगत सुधारों से जुड़ी है. डॉ. विरेन्द्र रावत प्रतापनगर में हेरवाल गांव को गोद लेकर ग्रीन विलेज के रूप में विकसित करना चाहते हैं.

बेंगलुरू में रहने वाले प्रदीप सती मार्केटिंग प्रोफेशनल हैं, जो आईबीएम, एचपी, लेनोवो जैसी प्रतिष्ठित कम्पनियों के साथ लम्बे समय तक कार्य कर चुके हैं. वे भिकियासैंण में हानड गांव गोद ले रहे हैं. प्रतिष्ठित अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी भटवाड़ी गांव को गोद ले रही हैं. वे यहां पर पर्यावरण संरक्षण, आजीविका उत्पादन तथा संस्कृति के लिए कार्य करेंगी.