रणधीर परमार, छतरपुर। आजादी के 78 साल बाद आज भी कई गांवों में छुआछूत जैसी कुप्रथाएं खत्म नहीं हो पाई हैं। जहां बाबा बागेश्वर जात-पात को खत्म कर हिंदू एकता के लिए सनातन पद यात्रा निकाल रहे हैं, वहीं उनके ही जिले छतरपुर में दलितों को छुआछूत का तंज सहना पड़ रहा है।

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मामला सटई थाना क्षेत्र के एक गांव का है। जहां एक दलित व्यक्ति ने हनुमान मंदिर में पुजारी के माध्यम से प्रसाद चढ़वाया और फिर गांव के पांच ग्रामीणों को बांट दिया। जब यह बात गांव के सरपंच संतोष तिवारी को पता चली, तो उन्होंने उन पांच ग्रामीणों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया जिन्होंने दलित के हाथ का प्रसाद खाया था।

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गांववालों का आरोप है कि सरपंच के आदेश के बाद उन्हें किसी भी शादी, तेरहवीं, चौक जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में नहीं बुलाया जा रहा है। इस सामाजिक बहिष्कार के चलते पांचों ग्रामीण मानसिक प्रताड़ना झेलने को मजबूर हैं। पीड़ित ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत एसपी से की है। इस पर बिजावर एसडीओपी शशांक जैन ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।

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