अजय शास्त्री, बेगूसराय. Begusarai News: नौकरी और मोटा पगार का सपना हर किसी का होता है. लेकिन एक होटल मैनेजमेंट किये लड़के का यह अरमान तब अभिशाप बन गया, जब वह अपने बड़े सपने को साकार करने के लिए ओमान चला. हालांकि एजेंट के चक्कर में वह विदेश में फंस गया. विदेश में फंसने का जब एहसास हुआ तो उसका सारा सपना चकनाचूर हो गया.

युवक का वीजा भी उसका जप्त कर लिया गया. ऐसे में जब इसकी जानकारी उसके परिजनों को हुई तो उन्होंने बेगूसराय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मिलकर अपने बेटे को ओमान से वतन वापस लाने की फरियाद लगाई. गिरिराज सिंह के पहल से ओमान में फंसे युवक की घर वापसी हुई है. एकलौते बेटे के घर वापसी से घर मे खुशी लौटी है.

देहरादून प्लेसमेंट एजेंसी के संपर्क में आया था रौशन

हम बात कर रहे हैं भगवानपुर प्रखंड के दहिया के कारपेंटर बलवंत शर्मा के इकलौते पुत्र रौशन कुमार की. रौशन के घर वापस लौटने पर उनसे मिलने सांसद प्रतिनिधि प्रभाकर कुमार राय उनके घर पहुंचे और पूरी जानकारी प्राप्त की. साथ ही उसे अंगवस्त्र से सम्मानित किया. रौशन होटल मैनर्जमेंट का कोर्स किया हुआ है.

रौशन ने बताया कि, वह देहरादून प्लेसमेंट एजेंसी के संपर्क में आया था. कंपनी ने 80 हजार प्रतिमाह मिलने की बात कहकर ओमान भेजने की बात कही, पासपोर्ट बनवाया और उत्साह के साथ एक साल पहले 3 दिसम्बर 2023 को मुम्बई एयरपोर्ट से ओमान के मस्कट जाने के लिए पहुंचा. वहां फ्लाइट में जाते वक्त कंपनी का कागज दिया, जिसमें 80 हजार की जगह 26 हजार का महीना ही लिखा था. लेकिन एयरपोर्ट से लौट नहीं सकता था.

एकाउंत खोलवाने के नाम पर जब्त किया पोसपोर्ट

रौशन ने बताया कि, वह ओमान के मस्कट पहुंचा, जहां उसे पता चला कि कंपनी ने उसे भीएसफोर नामक कंपनी के हवाले किया है. उसकी ड्यूटी वहां फाइव स्टार मैरक्योर होटल में लगी. 5 महीने के बाद बैंक में एकाउंट खोलवाने के नाम पर कंपनी ने उससे पासपोर्ट लिया और उसके बाद देने से इंकार कर दिया. समय के साथ उसे लगा कि वह यहां फंस चुका है. पासपोर्ट मांगने पर धमकी भी मिलती थी.

उसने बताया कि, अगस्त 2024 में वह उस कंपनी के चंगुल से भाग कर वहां कि भारतीय एम्बेसी से संपर्क किया. एम्बेसी कंपनी से बात कर फिर उसे उस कंपनी के पास भेजा गया. जहां उसे टॉर्चर किया गया. तब वह उसी दिन छुपते-छुपाते वहां से भाग निकला और रात कहीं कटी. इसके अगले दिन एम्बेसी गया तो उसे गुरुद्वारा में रहने की व्यवस्था दिया गया. जहां भोजन फ्री में मिल जाता था.

गिरिराज सिंह की पहल के बाद हरकत में आई एम्बेसी

इधर उसके परिजन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से बेगूसराय में मिले और जब गिरिराज सिंह ने विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप का निवेदन किया, तब वहां की एम्बेसी हरकत में आई, जिस कंपनी ने उसका पासपोर्ट जप्त किया थे. उससे 26 दिसम्बर 2024 को पासपोर्ट लेकर पीड़ित रौशन को भारतीय एम्बेसी ने दिया और वहां से लखनऊ 28 दिसम्बर का फ्लाइट का टिकट भी दिया. इस तरह डरा सहमा रौशन खुद अगले दिन 27 दिसम्बर का मुम्बई का फ्लाइट का टिकट लेकर स्वदेश वापस लौटा है. घर लौटे रौशन ने सांसद प्रतिनिधि को अपनी पीड़ा बताते हुए रोने लगा और कहा कि, डर से नींद नहीं आती थी. नींद का टैबलेट खाना पड़ता था.

नून रोटी खा ले लेकिन झांसे नहीं आए युवा

रौशन ने कहा कि, नोन रोटी खा ले लेकिन युवा ऐसे कंपनी के झांसे में विदेश नहीं जाए. हम तो गिरिराज सिंह की पहल से वापस आ गए लेकिन सैकड़ों लोग वहां ऐसे ही फंसे हुए हैं. रौशन के पिता और दादा ने कहा कि, अब कभी विदेश नहीं जाने देंगे, आज गिरिराज सिंह नहीं होते तो मेरा बेटा वापस नहीं आता.

रौशन के पिता बलवंत शर्मा ने बताया कि, एकलौते बेटे के फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद से उसकी मां मरणासन हो गई थी. परिवार के लोगों ने सांसद के प्रति आभार जताया. भाजपा नेता प्रभाकर कुमार राय ने बताया कि, गिरिराज सिंह को जानकारी मिलने के बाद से इनके ग्रामीण प्रमोद जी लगातार संपर्क में थे. मंत्री जी के प्रयास से रौशन सकुशल वापस आया है, जो परिवार रोते हुए मंत्री जी से बेटे की वापसी के लिए मिले थे, उनके घर पर पहुंचा तो आज खुशी के आंसू देख रहा था.

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