रायपुर। नई सरकार आई कहा कि अब छत्तीसगढ़ियों की उपेक्षा नहीं होगी, राज्य के कलाकारों के साथ न्याय होगा. स्थानीय कलाकारों को मौका मिलेगा. अधिक से अधिक कार्यक्रम छत्तीसगढ़ी संस्कृति पर केन्द्रित होंगे. ये सारी बातें संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कही थी. लेकिन बातें आई और गई जैसे हो गई.  अभी भी वही रहा जो अधिकारी जैसा चाह रहे हैं. ताजा मामला संस्कृति विभाग में होने जाने रहे कार्यक्रम ओड्रा मागधी दे से जुड़ा है.

ओड्रा मागधी नृत्यांजलि कार्यक्रम संस्कृति विभाग में 25 से 27 फरवरी तक आयोजित है. बताया जा रहा है यह कार्यक्रम पूरी तरह ओड़िसा की संस्कृति पर आधारित है. संस्कृति विभाग के उच्च पदस्त अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए उड़ीसा के कलाकारों को एडवांस पेमेंट किया गया है.  कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा संस्कृति विभाग में प्रतिनियुक्ति पर सहायक संचालक के रूप में पदस्त पूर्णश्री राउत ने तैयार की है. हालांकि इस पर फिलहाल कोई भी खुलकर कुछ कहना नहीं चा रहा है. क्योंकि मामला आखिकार विभाग का है.

सभी कलाकारों के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए- अनुज शर्मा
इस मामले में पद्मश्री अनुज शर्मा ने कहा कि संस्कृति विभाग में ऐसा नहीं होना चाहिए. मुद्दा बाहरी या स्थानीय का नहीं. लेकिन कलाकारों के साथ एक जैसा व्यवहार जरूर होना चाहिए सौतेला नहीं. किसी को एडवांस पेमेंट, किसी को सालों तक भुगतान ही नहीं यह तो गलत है. ऐसे बहुत से कलाकार हैं जिनके कार्यक्रमों का लंबे समय से भुगतान ही नहीं हुआ. छत्तीसगढ़ियों कलाकारों के साथ यह बर्ताव सही नहीं है.

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने दी चेतावनी 
स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने चेतावनी दी है.  क्रांति सेना की ओर से कहा गया है कि अगर छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों के साथ भेदभाव हुआ और उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया तो फिर विभाग की ओर से होने वाले कार्यक्रमों का विरोध किया जाएगा.

संस्कृति मंत्री से शिकायत की तैयारी
अनुज शर्मा की तरह ही ऐसे दर्जनों कलाकार हैं जो संस्कृति विभाग में छत्तीसगढ़िया कलाकारों की हो रही उपेक्षा से दुखी हैं. ज्यादातर कलाकार सामने इसलिए नहीं आते क्योंकि उन्हें विभाग के साथ मिलकर काम करना होता है. शिकायत करने वाले कलाकारों को काम नहीं देने की भी कई शिकायतें पूर्व में आ चुकी है. कुछ कलाकारों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर कहा कि विभाग मेंबाहरी राज्यों के अधिकारियों का दबदबा है जिनके चलते उनकी सुनवाई नहीं होती. क्योंकि स्थानीय स्तर के अधिकारियों पर बड़े अधिकारियों का दबाव रहता है. स्थानीय कलाकारों ने कहा कि वे जल्द ही संस्कृति मंत्री से विभाग में राज्य के कलाकारों से होने वाले सौतेले व्यवहार को लेकर शिकायत करेंगे.