अमेरिका नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 20 जनवरी को दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. अमेरिका ने उनके शपथ ग्रहण समारोह के लिए चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) को न्योता भेजा है, जबकि PM मोदी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है. वाशिंगटन डीसी (Washington, D.C.) में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में ग्लोबल लीडर्स भी शामिल होंगे. अब तक शपथ ग्रहण के लिए चीन, अर्जेंटीना, इटली, अल साल्वाडोर और हंगरी समेत कई देशों के राजनेताओं को न्योता भेजे जाने का जानकारी मिली है. इस सूची में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का नाम शामिल नहीं नहीं है.
हाल हीं में कार्यक्रम में शामिल होने वाले गेस्ट की सूची भी इंटरनेशनल मीडिया में वायरल हुई थी, जिसमें अर्जेंटीना, इटली, अल साल्वाडोर, हंगरी और चीन समेत कई देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों का नाम शामिल था. इनमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हो सकते हैं.
मीडिया संस्थान सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप की टीम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्रंप ने शी जिनपिंग से कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जिनपिंग इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे, उनकी जगह कुछ सीनियर चीनी अधिकारियों का एक डेलिंगेशन कार्यक्रम में शामिल होने अमेरिका पहुंच सकता है.
डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ बिगड़े संबंधों के ध्यान में रखते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग को निमंत्रण भेजा, हालांकि जिनपिंग कार्यक्रम में शामिल नहीं होगें.
बताया जा रहा है कि अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने न्यूयॉर्क गए थे. उस समय डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पीएम मोदी से मिलने की इच्छा जाहिर की थी. ट्रंप का यह मानना था कि मोदी के साथ एक हाई-प्रोफाइल मीटिंग से उनकी चुनावी छवि को बल मिल सकता है. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह निर्णय लिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों से दूरी बनाकर रखना भारत के दीर्घकालिक हित में होगा.
इसके पीछे की वजह माना जा रहा है कि अगर मोदी ट्रंप से मुलाकात करते और कमला हैरिस चुनाव जीत जातीं, तो भारत-अमेरिकी संबंधों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता था. इसी के चलते मोदी ने ट्रम्प के साथ मुलाकात नहीं की.
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मोदी के मना करने पर ट्रंप नाखुश थे. मोदी से मुलाकात उन्हें चुनाव में फायदा पहुंचा सकता था, लेकिन भारत ने इससे परहेज किया. हालांकि, ट्रम्प आखिरकार चुनाव जीत गए और अब वह दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं. ट्रंप ने शपथ ग्रहण के लिए ज्यादातर उन्हीं नेताओं को निमंत्रण दिया है, जिन्होंने उनका खुलकर समर्थन दिया और उनके करीबी माने जाते है.
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