प्रयागराज. Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में पहली बार दुनिया (World) के 5 देशों (Countries) की संस्कृतियां (Cultures) और परंपराएं (Traditions) एक छत के नीचे दिखेंगी. 5 देशों की संस्कृतियों का यह महाकुंभ, सेक्टर-18 में संगम लोवर मार्ग पर लगेगा.

यह भी पढ़ें: सनातनधर्मियों के लिए क्यों विशेष है महाकुंभ, आखिर क्या है इसकी महत्ता, जगद्गुरु शंकराचार्य जी से सुनिए कुंभ का महत्व

5 देशों के साधु और भक्त करेंगे कल्पवास

इस शिविर में जापान के साथ रूस और यूक्रेन के संत और भक्त अपनी संस्कृतियों के साथ समागम करेंगे. इसी परिसर में भारत और नेपाल के भी साधु और गृहस्थ कल्पवास करेंगे.

यह भी पढ़ें: Mahakumbh 2025 : अखाड़ों के बिना अधूरा है कुंभ, जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने क्यों की थी इनकी की स्थापना, जानें क्या है रहस्य और परंपराएं

सनातन के रंग में रंगेंगे जापान के 200 से अधिक बौद्ध धर्म अनुयायी

संगम की रेती पर जापान से आने वाले 200 से अधिक बौद्ध धर्म के अनुयायी भी सनातन के रंग में रंगे हुए दिखाई देंगे. जापानी संतों और भक्तों का मार्गदर्शन योगमाता केको आईकावा उर्फ कैलानंद गिरी करेंगी. कैलानंद गिरी 11 जनवरी यानि शनिवार को प्रयागराज पहुंचेगी.

यह भी पढ़ें: Maha Kumbh Sadhvi : अखाड़े की गंध भी पसंद नहीं थी, इन सबसे भागना चहती थी, IAS बनने का था सपना, फिर अचानक राखी से ‘गौरी गिरी महारानी’ बन गई 13 साल की बच्ची

यूक्रेन और रूस के साधु संत भी महाकुंभ में पधारेंगे

इधर, रूस के साथ 3 साल से भीषण युद्ध का सामना कर रहे यूक्रेन के प्रमुख धर्म पूर्वी रूढ़िवादी से संबंधित संत और सैकड़ों अनुयायी इस शिविर में शामिल होने के लिए महाकुंभ की धरती पर पधारेंगे.

यह भी पढ़ें: Maha Kumbh Sadhvi : अखाड़े की गंध भी पसंद नहीं थी, इन सबसे भागना चहती थी, IAS बनने का था सपना, फिर अचानक राखी से ‘गौरी गिरी महारानी’ बन गई 13 साल की बच्ची

यूक्रेनी संत स्वामी विष्णु देवानंद गिरी के साथ वहां से संत और तमाम भक्तगण मां गंगा की पावन धरा पर पहुंच रहे हैं. श्रद्धा सेवा शिविर में यूक्रेन से आने वाले संतों और भक्तों के लिए शिविर तैयार हो गए हैं. यज्ञ वेदी भी बनकर तैयार है. यहां घरेलू वेदियों को बनाकर मंदिरों और लोक देवी के साथ ही पूर्वजों और आत्माओं की पूजा होगी.

नेपाल के संत भी करेंगे समागम

वहीं इस महाकुंभ में नेपाल से आने वाले संत अपनी संस्कृति और परंपरा के साथ समागम करेंगे. लगभग 10 बीघा क्षेत्रफल में संगम लोअर मार्ग पर इस शिविर को तैयार किया गया है. इस शिविर के प्रत्येक कक्षा आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसमें महामंडलेश्वर योगमाता महामंडलेश्वर चेतनागिरी, योगमाता श्रद्धानंद गिरी के अलावा शैलेश आनंद महाराज और खप्पर बाबा भी प्रवास करेंगे.

यह भी पढ़ें: Oxygen Wale Baba: महाकुंभ पहुंचे ‘ऑक्सीजन’ वाले बाबा, हमेशा अपने साथ रखते हैं ऑक्सीजन सिलेंडर, जानें इसके पीछे का कारण

पहली बार संगम की रेती पर 5 देशों की संस्कृतियों का होगा मिलना

इस शिविर में पहली बार पांच देशों की संस्कृतियों और परंपराओं के मिलन के जरिए वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया जाएगा.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m