Organic Pesticides: जब कोई किसान रासायनिक खेती से प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ता है, तो उसे कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि मिट्टी में कार्बनिक कार्बन समाप्त हो जाता है. जमीन लगभग बंजर बनकर रह जाती है. अतः शुरुआत में फसल पर रोग कीट अधिक लगते हैं.

इसके नियंत्रण के लिए हम प्राकृतिक कीटनाशकों जैसे निमास्त्र, सनथास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्निआस्त्र आदि का उपयोग कर सकते हैं. इसमें रोग को नियंत्रित करने के लिए नीम, धतूरे, केसर, केसर, सीताफल जैसे पौधों को गोमूत्र में मिलाकर 2 लीटर के अनुपात में 15 से 20 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए.

कवकनाशी

तीन लीटर खट्टी छाछ या लस्सी को 100 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़कें. यह घोल फफूंदनाशी है. जिससे किसान मित्रों को काफी अच्छा परिणाम मिल सकता है.

थ्रिप्स के नियंत्रण के उपाय (Organic Pesticides)

5 किलो नीम की पत्तियां+ 2 किलो सीताफल की पत्तियां+2 किलो नफ्तिया या धतूरे की पत्तियां इन सभी पत्तियों को 10 लीटर गौमूत्र में डालकर पांच दिन तक सड़ने दें. फिर इसे छान लें और बिना पानी डाले ऐसे ही छिड़क दें.

माइलबग नियंत्रण के उपाय

200 लीटर पानी+5 किलो देसी गाय का गोबर+2 से 5 लीटर गोमूत्र मिलाकर 24 घंटे तक रखें, फिर छानकर छिड़काव करें. देसी बबूल की सूखी फलियों को बीज सहित पीसकर बारीक चूर्ण बना लें और चूर्ण को रख लें. छिड़काव करते समय एक लीटर पानी में 100 ग्राम चूना मिलाकर अच्छी तरह हिलाएं, फिर इसे छानकर 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

500 ग्राम लहसुन और 500 ग्राम तीखी हरी मिर्च दोनों को पीसकर चटनी बना लें. इस चटनी को 100 लीटर पानी में डालकर रात भर भिगो दें. अगले दिन छानकर छिड़कें.