Lohri 2025: लोहड़ी का त्यौहार उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. लोहड़ी न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इस कृषक समुदाय की कड़ी मेहनत, एकता और खुशी का उत्सव भी है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार लोहड़ी 13 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी.

इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी. इस दिन लोग रात में एक स्थान पर एकत्र होते हैं और आग जलाते हैं. हर साल लोहड़ी का त्यौहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. पंजाबी समुदाय इस त्यौहार को बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाता है.

Lohri 2025: लोहड़ी का पर्व क्यों मनाया जाता है

लोहड़ी पर्व खुशियों का त्यौहार है. यह त्यौहार सूर्यदेव और अग्निदेव को समर्पित है. सूर्य और अग्नि को ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है. इस दिन के बाद शीत ऋतु के अंत और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है.

लोहड़ी की रात सबसे ठंडी मानी जाती है. इस त्यौहार पर फसलों के कुछ हिस्सों को पवित्र अग्नि में अर्पित किया जाता है, ऐसा माना जाता है कि इस प्रक्रिया से फसलों को देवताओं तक पहुंचने में मदद मिलती है.

दुल्ला भट्टी की कहानी

लोहड़ी के दिन अग्नि जलाई जाती है और उसके चारों ओर नृत्य किया जाता है. इसके साथ ही अग्नि के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है. लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि मुगल काल में अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नाम का एक व्यक्ति पंजाब में रहता था.

उस समय कुछ अमीर उद्योगपति सामान के बदले शहर की लड़कियों को बेच रहे थे, तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाया और उनकी शादी करवाई. कहा जाता है कि तब से हर साल लोहड़ी के अवसर पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाने की परंपरा चली आ रही है. (Lohri 2025)