शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के नए कलेक्टर कार्यालय के विरोध में सांसद आलोक शर्मा खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा- किसी भी शहर का पुराना शहर उसकी हृदय स्थली होती है। पुराना भोपाल के सरकारी ऑफिस शिफ्ट करने की रूपरेखा तैयार है। पुराने शहर से नगर निगम पहले चला गया। आरटीओ कार्यालय चला गया। पुरानी भोपाल की जनता मेरे पास आ रही है। रहवासी संगठन आ रहे हैं। व्यापारी संगठनों ने भी चर्चा की है।

ऐसे ही भोपाल के साथ न्याय होगा

सभी की मांग है कि एसपी और कलेक्टर कार्यालय पुरानी भोपाल से नहीं जाना चाहिए। मैने भोपाल कलेक्टर से भी चर्चा की है। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर कॉलोनी शिफ्ट किया जा रहा है। पीपीटी मॉडल प्रोजेक्ट योजना बनी है। हम मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। शिफ्ट ना हो फिर यही मुहिम होगी। जिस स्थान पर कलेक्टर कार्यालय है वहीं रहना चाहिए। वहां पर्याप्त स्थान और कई सरकारी बंगले हैं जिन्हें तोड़कर नया निर्माण कराया जा सकता है। बहुमंजिला कलेक्टर कार्यालय बनाया जा सकता है। ऐसे ही भोपाल के साथ न्याय होगा। मुझे उम्मीद है कि पुराने भोपाल से कोई भी कलेक्टर कार्यालय नहीं हटेगा। एसपी कार्यालय नहीं हटेगा। मैं बिल्कुल भी नहीं हटने दूंगा।

412 करोड़ की लगात से प्रस्तावित कलेक्टर कार्यालय

प्रोफेसर कॉलोनी की 13 एकड़ भूमि को नए भवन के लिए चिह्नित किया गया है। आठ एकड़ जमीन पर सात मंजिला भवन का निर्माण 412 करोड़ रुपये से किया जाएगा। बड़ी संख्या में पेड़ों को शिफ्टिंग का प्लान तैयार किया गया है। जागरूक नागरिक, अर्बन एक्सपर्ट, पर्यावरण प्रेमी भी प्रोफेसर्स कॉलोनी में नए कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण के विरोध में पहले ही आ चुके हैं। सिटीजन फोरम के बैनर तले एनजीटी में याचिका दायर की गई थी। इसमें बताया गया था कि बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की जाएगी। साथ ही प्रोफेसर्स कॉलोनी से विश्व धरोहर छोटे तालाब लगा हुआ है। नए कलेक्ट्रेट कार्यालय से तालाब प्रदूषित होगी।

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