गोरखपुर। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित आयुर्वेद और योग पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में विश्व कल्याण की बात की जाती है और भागवत महापुराण की कथा में जीवन दर्शन निहित है। उन्होंने पंचतत्व से बने मानव शरीर और जीवन में नियम एवं संयम के महत्व पर जोर दिया। सीएम योगी ने आयुर्वेद शिक्षा की प्राचीनता की बात करते हुए इसे अपनाने की अपील की और कहा कि सनातन धर्म ने अच्छाई और बुराई के बारे में मार्गदर्शन दिया है।

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आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज संभव

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज विश्वभर के लोग योग अपना रहे हैं। आयुर्वेद और योग में हर बीमारी का इलाज संभव है और इनकी भूमिका स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। महर्षि पतंजलि ने पूरी दुनिया को योग का ज्ञान दिया है। हमारी यहां योग परंपरा हजारों साल पुरानी है। हमारे देश के ऋषि मुनियों ने प्राचीन काल में वो सब-कुछ कर दिया जो आज के बड़े-बड़े साइंटिस्ट नहीं कर पाए। योग एक तरह का खेल है। प्रतिदिन योग करने से शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। योग करने से न केवल तन बल्कि मन भी स्वस्थ रहता है। कई प्रकार के विकार तो योग करने मात्र से दूर हो जाते है।

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स्वास्थ्य लाभ दिलाने का आश्वासन

गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने से पहले सीएम योगी ने सोमवार सुबह जनता दरबार भी लगाया। योगी ने आम जनता की समस्याओं को सुना और उनके समाधान के लिए तत्काल निर्देश दिया। जनता दर्शन में सीएम ने करीब 100 लोगों से मुलाकात की। इस दौरान कई लोगों ने गंभीर बीमारी के इलाज के लिए मु्ख्यमंत्री से गुहार लगाई। योगी ने पीड़ितों की बात गंभीरता से सुनी और सभी को उनके कहे गए अस्पतालों में स्वास्थ्य लाभ दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को उचित इलाज उपलब्ध कराने की बात कही।