चंकी बाजपेयी, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है। ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाली गैंग को सिम उपलब्ध करवाने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों का नाम गौरव, योगेश, सुजल है जो सिवनी जिले के रहने वाले हैं। बदमाशों का देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही वियतनाम के लाओस से कनेक्शन सामने आया है। 

ग्राहकों की ई केवाईसी कर रख लेते थे सिम

दरअसल, दिसंबर में 59 साल की महिला से 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी हुई थी। जिसके बाद पुलिस अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जांच में सामने आया है कि गौरव ने 450 रुपए की सिम योगेश को 350 रुपए में दी थी। उसने तीसरे आरोपी सुजल को दे दिया था। ग्राहकों की ई केवाईसी कर सिम रख ली जाती थी। इन्हीं के जरिए व्हाट्सएप कॉलिंग कर ऑनलाइन धोखाधड़ी की जाती थी। फिलहाल पंजाब के रहने वाले व्यक्ति की तलाश की जा रही है। 

चंद पैसों की लालच में गैंग से जुड़े

बताया जा रहा है कि आरोपी चंद पैसों की लालच में ऑनलाइन धोखाधड़ी की गैंग से जुड़े थे। जो बाद में निजी कंपनियों की सिम कार्ड दूसरे देश में पहुंचाने लगे थे। गौरव तिवारी निजी कंपनी में सिम एजेंट के तौर पर काम कर रहा था। उसका संपर्क योगेश से हुआ। इसने उसे पैसों का लालच दिया और कहा कि एक सिम के बदले उसे 350 रुपए दिलाएगा। गौरव उसकी बातों में आ गया और ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर सैकड़ों मोबाईल सिम योगेश को दी। 

नल फिटिंग करने वाला भी गैंग का मेंबर 

बताया जा रहा है कि गौरव तिवारी ग्राहक से दस्तावेज लेकर दस्तावेजों से ग्राहक को एक सिम उपलब्ध करा देता था। जबकि डी केवाईसी के आधार पर दूसरी सिम जनरेट करने के बाद खुद रख लेता था। जिसके कारण सिम खरीदने आए ग्राहक को पहली सिम मिल जाती थी और उसे किसी तरह का कोई शक भी नहीं होता था। जिसके बाद इसे योगेश को दे दिया जाता था। योगेश और गौरव  से सिम लेने वाला सुजल नल फिटिंग का काम करता था। वह ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले गैंग से जुड़ा हुआ था जो इस सिम को कई राज्यों तक पहुंचाता था। 

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