रायपुर- लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के सहायक निर्वाचन अधिकारियों और उप जिला निर्वाचन अधिकारियों के लिए सर्किट हाउस में दो दिवसीय सर्टिफिकेशन कोर्स आयोजित की गई. आज इसका समापन हुआ. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू की मौजूदगी में प्रशिक्षण दिया गया.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने कहा कि हमने ये सर्टिफिकेशन कोर्स सभी डिप्टी डीओ और एआरओ लोकसभा के लिए प्रस्तावित है उनके लिए यह ट्रेनिंग है, जिस प्रकार से कलेक्टरों का सर्टिफिकेशन कोर्स हुआ था उसी तर्ज पर यह प्रशिक्षण कार्यक्रम है. समापन अवसर पर सुब्रत साहू ने बताया कि इसका एक सेशन हुआ है, दूसरा सेशन बुधवार से होगा. इसमें बाकी अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इनको लोकसभा चुनाव करने लिए जो व्यवस्थाएं करनी है, जैसे ईवीएम या वीवीपीएट, निगरानी समितियां, स्विप एक्टिविटी के बारे में और बाकी क्या सावधानियां हैं ?  इसके बारे में ट्रेनिंग देते हैं. ट्रेनिंग के बाद एक छोटी सी एग्जाम है, जिसे उन्हे पास करना है, तब उनको एआरओ के रूप में मान्य करते हैं.

प्रशिक्षण के दूसरे और अंतिम दिन छः सत्रों में ईव्हीएम तथा व्हीव्हीपेट के प्रयोग, मीडिया सर्टिफिकेशन, मीडिया मॉनिटरिंग, मतगणना, परिणामों की घोषणा, मतदाता जागरूकता कार्यक्रम, मतदान दलों का प्रबंधन सहित अन्य विषयों पर प्रस्तुतिकरण के साथ चर्चा हुई. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रशिक्षण उपरांत सभी सहायक रिटर्निंग अधिकारियों तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारियों की परीक्षा भी ली गई जिसमें निर्वाचन संबंधी सवाल पूछे गए थे.

प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर पुलक भट्टाचार्य ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईव्हीएम) तथा वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (व्हीव्हीपेट) के उपयोग, उसकी कमिशनिंग, संधारण, रख-रखाव एवं मतदान के दौरान सुरक्षा को लेकर विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान अधिकारियों ने ईव्हीएम और व्हीव्हीपेट मशीन को खुद संचालित करके भी देखा.

मास्टर ट्रेनर श्रीकांत वर्मा ने निर्वाचन के दौरान पेड न्यूज तथा भ्रामक समाचारों की निगरानी के संबंध में बातें रखीं. उन्होंने मीडिया की भूमिका और उनके साथ समन्वय पर भी चर्चा की. मीडिया प्रमाणन तथा निगरानी समिति (एमसीएमसी) के गठन तथा उसके दायित्वों पर प्रकाश डाला. ट्रेनर उज्जवल पोरवाल और रूपेश वर्मा ने सूचना प्रौद्योगिकी के निर्वाचन प्रक्रिया में बढ़ते उपयोग तथा निर्वाचन के दौरान उपयोग में आने वाले आईटी एप्लीकेशनों की जानकारी दी. इसके तहत उन्होंने बताया कि सुविधा, सुगम, समाधान, सी-विजिल, सी-टाप्स जैसे आईटी एप्लीकेशन निर्वाचन कार्य को किस प्रकार सुगम और अधिक पारदर्शी बना रहे हैं. संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. केआरआर सिंह ने मतदाता जागरूकता के लिए हर स्तर पर अभियान चलाए जाने पर जोर दिया. उन्होंने गांव से लेकर शहरों तक के लिए युवाओं के समूह तैयार कर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर जोर दिया.

मतदाता जागरूकता फोरम के सहायक नोडल अधिकारी प्रशांत पाण्डेय ने फोरम तथा स्वीप कार्यक्रम के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों की जानकारी दी। ‘कोई मतदाता न छूटे‘ को केन्द्रित करते हुए विशेष रणनीति जिला स्तर पर भी बनाये जाने, भावी मतदाता, नये मतदाता और समुदाय के लिए निर्वाचक साक्षरता क्लब के गठन को बेहतर और सशक्त माध्यम बताया। सर्टिफिकेशन कोर्स में अधिकारियों को मतदान के दौरान दिव्यांगों के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए. मतदान दलों का इस हेतु संवेदीकरण एवं उन्हें समुचित प्रशिक्षण देने के निर्देश भी दिए गए.