सूरज गुप्ता, बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के कई जिले हाथी प्रभावित हैं। जंगली हाथियों के आतंक की वजह से कई इलाकों में दहशत है और कुछ गांवों का हाल तो यह है कि यहां महिला और पुरुष रतजगा करने को मजबूर हैं। ऐसा ही कुछ हाल बलरामपुर जिले का है। जहां बलरामपुर वन मंडल के अंतर्गत कई दिनों से सेमरसोत अभ्यारण में दर्जन भर की संख्या वाला जंगली हंथियो का दल विचरण कर रहा है। हाथियों की मौजूदगी से अभ्यारण्य में आने वाले गांवों में दहशत का माहौल है। जंगल से सटे गांवों की अगर बात करें तो ग्रामीण यहां पूरी रात जाग कर बिता रहे हैं।

 

 

ताजा जानकारी के मुताबिक इलाके के ग्राम कांडा, दलधोवा, डुमरखी, झलरिया सहित चंदरपुर के आस पास के कई में हंथियों कई मौजूदगी से दहशत का आलम हैं। गजराज के झुंड ने यहां के लोगों की कई कई दिन से चैन की नींद उड़ा दी है। इस दल में एक शावक भी है वहीं ग्रमीणों के अनुसार हाथियों के दल में शामिल एक मादा हथनी ने हाल ही में एक शावक को जन्म दिया है।

गौरतलब है कि दल में शावक की मौजूदगी की वजह से दल के अन्य सदस्य उसकी शुरक्षात्मक दृष्टिकोण से कुछ ज्यादा ही आक्रामक होते है। लिहाज ग्रामीणों को जान माल का खतरा बना हुवा है। वहीं ग्रामीण अब इस कदर खौफज़दा हैं कि ग्रामीण एक जुट हो कर रात भर किसी स्थान पर रत जगा कर गुजार रहे हैं। आप को बता दें विगत कई सालो से अभ्यारण के अंतर्गत गावो में हाथियों के द्वारा उत्पात मचाया गया कई घर तोड़े, कई लोगो को जान तक गवाना पड़ा।

इसी तरह वन विभाग के द्वारा हुल्लड़ पार्ट का गठन किया गया। सोलर फैंसिंग भी लगाया गया । हाथियों को खदेड़ने के प्रशिक्षण जैसी तमाम योजना एवम अभियान हाथियों के आगे विवश और विफल होता हुआ नजर आ रहा है। विभाग के द्वारा हाथियों की सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों के साथ मिल कर उन्हें गांव से बाहर निकलने का प्रयास किया जाता है। लेकिन कई बार यह भी देखा जाता है की खदेड़ने गए लोग भी हाथियों के गुस्से का शिकार हो जाते हैं।