रविन्द्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिसके तहत पेट्रोल पंप संचालकों को “नो हेल्मेट, नो फ्यूल” की रणनीति लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना और हेल्मेट न पहनने के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाना है। जिलाधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 के अनुसार सभी मोटरसाइकिल चालकों और सवारियों के लिए हेल्मेट पहनना अनिवार्य है। इसके उल्लंघन पर जुर्माने का प्राविधान है।
पेट्रोल पंप में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाने होंगे
जारी निर्देशों के मुताबिक अब सभी पेट्रोल पंप संचालकों को अपने प्रांगण में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाने होंगे। जिसमें यह संदेश दिया जाएगा कि 26 जनवरी 2025 से बिना हेल्मेट वाले दो पहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। साथ ही, पेट्रोल पंप पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाने होंगे ताकि किसी भी विवाद की स्थिति में आवश्यक कार्रवाई की जा सके। परिवहन आयुक्त का कहना है कि अगर कोई बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के वाहन चलाता हुआ दिखाई दे तो उन्हें तुरंत टोके और गुलाब देकर समझाने का प्रयास करें। प्रदेश में लगातार सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है। ऐसे में लोगों का जागरुक होना बहुत जरुरी है।
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इस संबंध में सीएम योगी ने परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक ली थी और सड़क सुरक्षा दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। परिवहन आयुक्त के आदेश का पालन करते हुए लखनऊ, अमेठी और मेरठ के जिलाधिकारी ने सभी पेट्रोल पंप के मालिकों को फरमान जारी कर दिया है। बिना हेलमेट के अब लोगों को पेट्रोल नहीं मिलेगा।
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