ज्ञान चंद्रा, भोपाल। मध्य प्रदेश में अब तुरंत सरोगेसी की परमिशन मिलेगी। प्रदेशभर से आए सरोगेसी आवेदनों पर विचार कर यह फैसला लिया गया है। सरकार ने राज्य समुचित प्राधिकारी एआरटी एवं सरोगेसी समिति (State Appropriate Authority Committee, ART) का गठन किया है। ART सरोगेसी क्लीनिक का पंजीयन करने की अनुमति देगी।

प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के दो कानून सेरोगेसी विनियमन अधिनियम 2021 और सहायता प्राप्त प्रौद्योगिकी विनियम अधिनियम 2021 के तहत सरोगेसी क्लीनिक को पंजीयन की अनुमति देने के लिए स्टेट एप्रुपरिएट अथॉरिटी का गठन कर दिया है। यह समिति पंजीयन निलंबन या रद्द भी कर सकेगी। मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित ऐसे दंपति जिनके बच्चे नहीं हो रहे हैं, वे ही पात्र होंगे।

ये भी पढ़ें: ‘मुझे… नहीं देते थे’, आईने के सामने बैठकर भूत की आवाज निकाली थी बीवी, हरकतें देख डर गया पति, पूरा मामला जानकर सन्न रहे जाएंगे आप

सरोगेसी बोर्ड में लिया गया निर्णय

बीते मंगलवार को उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में राज्य एसिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी व सरोगेसी बोर्ड की बैठक हुई थी। डिप्टी सीएम ने प्रदेश में अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा कर समिति गठित करने का फैसला लिया था। इस समिति में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, आयुक्त आदि के साथ तकनीकी और विधि विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।

समिति लेगी फैसला

समिति सरोगेसी आवेदन राज्य स्तर पर प्राप्त होते ही तकनीकी व विधिक विशेषज्ञों का अभिमत प्राप्त कर, सरोगेसी की अनुमति के संबंध में तुरंत निर्णय लेगी। आवेदन पर समिति कानून के दायरे में विचार कर सरोगेसी की अनुमति देने या नहीं देने का फैसला लेगी।

ये भी पढ़ें: अधिकारी का दूसरे की बीवी से अवैध संबंध: दोनों के फोटो भी हुए वायरल, पति ने पूछा तो अफसर ने दी धमकी, कहा- मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते

क्या है सरोगेसी

अगर किसी दंपती को बच्चा नहीं हो रहा है, तो वह किसी अन्य तलाकशुदा या विधवा महिला की मदद से संतान पा सकते हैं। इस तकनीक में IVF पद्धति से भ्रूण तैयार कर सरोगेट मां के गर्भाश्य में स्थापित किया जाता है। सरोगेट मदर ही उसे जन्म देती है। सरोगेसी कानून के तहत अविवाहित लोग इस तकनीक से बच्चा पैदा नहीं कर सकते है। इस संबंध में सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 2021 लागू है।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m