Hindenburg Research Shut down: अडानी ग्रुप (Adani Group) से पंगा लेने वाले हिंडनबर्ग रिसर्च का शटर डाउन हो गया है। अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने बुधवार को X पर एक भावुक पोस्ट करते हुए इसके बंद करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कंपनी बंद करने का फैसला काफी बातचीत और सोच कर लिया है। हालांकि एंडरसन ने कंपनी बंद करने का कोई विशेष कारण नहीं बताया। हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत 2017 में हुई थी।
नाथन एंडरसन ने अपने संदेश में लिखा कि मैंने पिछले साल के अंत में ही अपने परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ ये बात शेयर की थी कि मैं हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय ले रहा हूं। हमने जो विचार किए किए थे, उन्हें पूरा करने के बाद इसे खत्म करना था। आज आखिरी मामलों को नियामकों के साथ शेयर करने के बाद वो दिन आ गया है।
अपने बयान में एंडरसन ने कहा, कोई एक खास बात नहीं है – कोई खास खतरा नहीं, कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं और कोई बड़ा व्यक्तिगत मुद्दा नहीं। किसी ने एक बार मुझसे कहा था कि एक निश्चित समय पर एक सफल करियर एक स्वार्थी काम बन जाता है। उन्होंने कहा, ‘अब मुझे अपने आप में कुछ सहजता महसूस हुई है, शायद मेरे जीवन में पहली बार।’ ‘शायद मैं यह सब हमेशा के लिए कर सकता था, लेकिन मुझे पहले खुद को कुछ हद तक नरक से गुजरना पड़ा। तीव्रता और ध्यान बाकी दुनिया और उन लोगों को खोने की कीमत पर आया है जिनकी मुझे परवाह है। अब मैं हिंडनबर्ग को अपने जीवन का एक अध्याय मानता हूं, न कि एक केंद्रीय चीज जो मुझे परिभाषित करती है।
नाथन ने लिखा कि अपनी ज़्यादातर नौकरियों में मैं एक अच्छा कर्मचारी था, लेकिन ज़्यादातर में मेरी अनदेखी की जाती थी। जब मैंने ये काम शुरू किया तो मेरे पास पैसे नहीं थे, और गेट से बाहर निकलते ही 3 मुकदमे लगने के बाद मेरे पास बचे पैसे भी खत्म हो गए। अगर मुझे विश्व स्तरीय व्हिसलब्लोअर वकील ब्रायन वुड का समर्थन न मिलता, जिन्होंने मेरे वित्तीय संसाधनों की कमी के बावजूद मामले को संभाला, तो मैं शुरूआती लाइन पर ही असफल हो जाता। मेरा एक नवजात बच्चा था और उस समय मुझे बेदखली का सामना करना पड़ रहा था। मैं डरा हुआ था, लेकिन जानता था कि अगर मैं स्थिर रहा तो मैं टूट जाऊंगा। मेरे पास एकमात्र विकल्प आगे बढ़ते रहना था।
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2023 में अदाणी और 2024 में सेबी पर रिपोर्ट
बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्टों ने भारत के अडाणी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज सहित कई कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाया था। अगस्त 2024 में हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। वहीं पिछले साल अगस्त महीने में हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अदाणी समूह से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है।
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साल 2024: SEBI चीफ पर अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी का आरोप लगाया था
अगस्त 2024 में हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था SEBI सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के पास अडाणी ग्रुप के जरिए पैसों की हेराफेरी स्कैंडल में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी थी। डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए हिंडनबर्ग ने कहा था कि बुच और उनके पति धवल बुच के पास एक ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। जिसमें गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने काफी मात्रा में पैसा लगाया था। विनोद, अडाणी ग्रुप की कंपनियों के चेयरमैन हैं।
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